Announcement: भोपाल. मध्यप्रदेश सरकार ने नाबालिग रेप पीड़िताओं और रेप से जन्मे उनके बच्चों की देखभाल के लिए एक नई योजना की घोषणा की है। इस योजना का उद्देश्य उन पीड़िताओं को सहायता और संरक्षण प्रदान करना है, जो गंभीर यौन शोषण का सामना कर गर्भवती हो जाती हैं।
योजना की मुख्य बातें:
मिशन वात्सल्य योजना के तहत पीड़िता को 23 साल की उम्र या रोजगार मिलने तक (जो भी पहले हो) प्रति बच्चा 4000 रुपए मासिक सहायता दी जाएगी।निर्भया फंड से इस योजना का संचालन किया जाएगा। इस फंड के तहत हर जिले को 10 लाख रुपए आवंटित किए जाएंगे, जो पीड़िताओं की सहायता के लिए खर्च किए जाएंगे।एफआईआर की कॉपी होना जरूरी नहीं है, लेकिन नाबालिग के पास एग्रीगेट पेनिट्रेटिव सेक्शुअल असॉल्ट के प्रमाण के रूप में पॉक्सो एक्ट की धारा 6 के तहत प्रावधान होने चाहिए।बाल कल्याण समिति के समक्ष बच्चे को पेश करना होगा, जो उनके भविष्य के संरक्षण के लिए निर्णय लेगी। इस प्रक्रिया को पुलिस अधिकारी, बाल कल्याण अधिकारी या किसी सामाजिक कार्यकर्ता के माध्यम से किया जा सकता है।
योजना का उद्देश्य:
रेप पीड़िताओं को मानसिक, सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना।उनके बच्चों की देखभाल और उनके जीवन की गुणवत्ता सुनिश्चित करना।निर्भया फंड के तहत वित्तीय सहायता देकर पीड़िताओं और उनके बच्चों को बेहतर जीवन अवसर प्रदान करना।
कोर्ट में गर्भपात के उदाहरण:
मध्यप्रदेश में हाल ही में दो मामलों में हाईकोर्ट ने रेप पीड़िताओं को गर्भपात की अनुमति दी:सिंगरौली केस: जून 2023 में 14 वर्षीय रेप पीड़िता को 27 हफ्ते के गर्भ को समाप्त करने की अनुमति दी गई।सागर केस: जनवरी 2024 में 17 वर्षीय पीड़िता को गर्भपात की अनुमति मिली, जो 8 सप्ताह से अधिक का गर्भ था।यह योजना उन पीड़िताओं और उनके बच्चों के लिए राहत का एक महत्वपूर्ण कदम है, जो कठिन परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं।
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