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मंदिरों में हुए अन्नकूट, भगवान को लगाए 56 भोग, मंदिरो में श्रृद्वालुओं ने किया प्रसाद ग्रहण
मुलताई । पवित्र नगरी में दीपावली के दूसरे दिन एकम् तिथी आने से अन्नकूट का आयोजन किया गया । जिसमें भगवान को 56 भोग लगाकर भंडारा प्रसादी आयोजित की गई। जिसमें सैकडो श्रृद्वालुओं द्वारा भोजन प्रसादी ग्रहण की गई । गौरतलब है कि दीपावली के बाद कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकम् के दिन अन्नकूट का पर्व मनाया जाता है। जिसमें साल में आई नई उपज से बने पकवानों का भोग भगवान को लगाया जाता है । वही कई श्रृद्वालुओं द्वारा मंदिरों में भगवान को 56 भोग लगाए जाते है। ऐसी मान्यता है कि द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण जब इन्द्रदेव द्वारा गोकुल में जानबुझ अत्याधिक वर्षा की जा रही थी, तब भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी छोटी अंगुली से गोवर्धन पर्वत उठाया था। गोवर्धन पर्वत के नीचे समस्त गोकुल वासी खडे होकर बारिश से बचे थे। इस दिन सभी ग्रामीणों द्वारा अपने अपने खेतो की नई फसल लाकर एक साथ मिला कर भोजन तैयार कर सभी ग्राम वासियों द्वारा एक साथ भोजन किया गया था, जिसे अन्नकूट का नाम दिया गया था। जब से ही दीपावली के अगले दिन अन्नकूट मनाया जाता है।
मंदिरो में आयोजित हुआ अन्नकूट
अन्नकूट के अवसर पर नगर में सामाजिक बंधुओं द्वारा अलग अलग मंदिरों में अन्नकूट का आयोजन किया गया जिसमें अग्रवाल समाज द्वारा ताप्ती तट पर स्थित श्री लक्ष्मीनारायण मंदिर, भार्गव समाज द्वारा श्री सत्यनारायण मंदिर , खंण्डेलवाल समाज द्वारा श्री जगदीश मंदिर तथा ब्राहम्ण समाज द्वारा बडे हनुमान जी के मंदिर में अन्नकूट का आयोजन कर इस साल आई नई फसलों में साबूत अनाज से भोजन तैयार भगवान को भोग लगाया गया। जिसके बाद श्रृद्वालुओं द्वारा भोजन प्रसादी ग्रहण की गई ।





