आज से ही अपनाना शुरू करें ये उपाय
Animal Husbandry – ठंड की बेहद गंभीर स्थिति न केवल मानवों के लिए दुश्वारी लाती है, बल्कि जानवरों के लिए भी समस्याएं खड़ी कर सकती हैं। अधिक सर्दी के दौरान, जानवर अक्सर बीमार हो जाते हैं जिससे उनका दूध देने का काम प्रभावित होता है। इससे उन्हें जुड़े किसानों को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ता है। लेकिन कुछ उपायों का अनुसरण करके किसान अपने जानवरों को ठंड से बचा सकते हैं। इसके लिए उन्हें बहुत ज्यादा मेहनत भी नहीं करनी पड़ती, बस उन्हें पशु चिकित्सकों की सलाह माननी होती है।
पशु चिकित्सकों के अनुसार, अधिक ठंड पड़ने पर जानवरों की प्रजनन शक्ति पर असर पड़ता है। वे ठंड लगने पर बीमार हो जाते हैं जिससे उनकी खुराक कम हो जाती है, जिससे दूध उत्पादन पर भी असर पड़ता है। ऐसे में, किसानों को सर्दी के मौसम में अपने जानवरों की स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए ठंडी हवाओं से उन्हें बचाना चाहिए। जानवरों को धूप में न रखें और उन्हें खुली जगह में नहीं बांधें, इससे उन्हें ठंड लग सकती है। गौशाला को चारों तरफ से बंद रखें, ताकि ठंडी हवा गौशाला में ना आ सके। अगर आवश्यकता हो, तो खिड़कियां और भिंडी लेटर बंद करें। यदि ज्यादा सर्दी हो तो छोटे जानवरों को कंबल या जूट के बोरों में ठिक करके रखें, ताकि उन्हें ठंड लगने की संभावना कम हो जाए।
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अलाव जला कर दे सकते हैं राहत | Animal Husbandry
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो गौशाले में आग भी लगा सकते हैं, अगर आपको चाहिए। यह गौशाले का तापमान बढ़ा सकता है और मवेशियों को सर्दी से आराम भी मिल सकता है। चिकित्सकों का कहना है कि दूध देने वाले पशुओं को मौसम के हिसाब से चारा देना चाहिए। क्योंकि ठंड के मौसम में जानवरों की पाचन क्रिया तेज हो जाती है, जिससे उन्हें ज्यादा भूख लगती है। इसलिए मवेशियों को सर्दी के मौसम में अधिक से अधिक चारा और मोटे अनाज खिलाना चाहिए। साथ ही, किसान शीतलहर के दौरान मवेशियों को सरसों की खाली भी खिला सकते हैं। क्योंकि सरसों की खाली में प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है, जिससे मवेशियों को अधिक ऊर्जा मिलेगी, जो उनके शरीर को गर्म रखने में मदद करेगी।
इन उपायों से भी बचती है ठंड | Animal Husbandry
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, गाय-भैंस को सर्दी से बचाने के लिए धूप में रखना चाहिए। वहीं, जहां मवेशी रहती है, वहां सूखे भूसे भी डाले जा सकते हैं। जब गाय-भैंस जमीन पर बैठती हैं, तो उन पर सर्दी का प्रभाव कम होता है। अधिक ठंड से पशुओं को कभी-कभी बुखार भी हो सकता है, जिससे उनका पाचन तंत्र कमजोर हो जाता है। अगर आपके पशुओं में इस तरह के लक्षण दिख रहे हैं, तो उन्हें तुरंत प्राथमिक इलाज कराएं। साथ ही, सर्दी में मवेशियों को गरम पानी पिलाने से उनके शरीर को गर्मी मिलेगी। इसके अलावा, दिसंबर से फरवरी के महीनों में पशुओं को एक से दो बार सरसों का तेल देने से उनके शरीर को अंदर से गर्मी मिलेगी।
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