Amla Navami 2025: कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाई जाती है। इस तिथि को अक्षय नवमी के नाम से भी जाना जाता है। इस साल आंवला नवमी 31 अक्टूबर 2025, गुरुवार को पड़ रही है। इस दिन आंवले के वृक्ष की पूजा करने का बहुत महत्व माना गया है। कहा जाता है कि जो व्यक्ति इस दिन विधिवत पूजा करता है, उसे पापों से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख-शांति आती है।
क्यों की जाती है आंवले की पूजा?
हिंदू शास्त्रों में आंवले को ‘धात्री वृक्ष’ कहा गया है। यह वृक्ष भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय है। इसलिए आंवला नवमी के दिन भगवान विष्णु और आंवले के पेड़ दोनों की संयुक्त पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस दिन आंवले के नीचे भोजन करने से अक्षय पुण्य प्राप्त होता है और घर में कभी दरिद्रता नहीं आती।
एकाग्रता और शिक्षा में सफलता के लिए उपाय
यदि आप या आपके बच्चे एकाग्रता की कमी या पढ़ाई में बाधा का सामना कर रहे हैं, तो आंवला नवमी के दिन घर के पूर्व या उत्तर दिशा में आंवले का पौधा लगाएं। यह उपाय मन की शांति बढ़ाता है और बुद्धि को तीक्ष्ण बनाता है। पौधा लगाने के बाद “ॐ विष्णवे नमः” मंत्र का जाप करें। इससे मानसिक शक्ति और एकाग्रता दोनों बढ़ती हैं।
स्वास्थ्य लाभ के लिए विशेष उपाय
आंवला को आयुर्वेद में अमृत कहा गया है। आंवला नवमी पर भगवान विष्णु को आंवला अर्पित करने से रोगों से मुक्ति और दीर्घायु का वरदान प्राप्त होता है। इस दिन स्नान के बाद आंवले का फल भगवान विष्णु के चरणों में रखें और “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का 11 बार जाप करें। फिर उस आंवले का सेवन करें, यह शरीर से नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है।
Read Also:8th Pay Commission: कब बढ़ेगी सैलरी और कितने कर्मचारियों को मिलेगा फायदा, जानें पूरी जानकारी
सुख-समृद्धि के लिए पूजन विधि
घर में खुशहाली और धन की वृद्धि के लिए पूर्व दिशा की ओर मुख करके आंवले के पेड़ को जल और दूध चढ़ाएं। इसके बाद हल्दी से पेड़ पर स्वस्तिक बनाएं और “ॐ धात्यै नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें। पूजा के बाद पेड़ के नीचे बैठकर भोजन करें और किसी जरूरतमंद व्यक्ति को दान दें। यह उपाय मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने में अत्यंत प्रभावी माना जाता है।
 
     Home
 Home ई-पेपर
 ई-पेपर For You
 For You 
    
 
       
			




