Ambulance : नहीं मिली एंबुलेंस, मजबूरी में बाइक पर लेकर आए गंभीर मरीज को

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आधी रात में 50 किमी बाइक पर लाए गंभीर युवती को, मौत

मुलताई – गंभीर मरीजों की जान बचाने के लिए सरकार लाख जतन कर रही है और कई योजनाएं चला रही है। इसी योजना में एक एंबुलेंस 108 है, जो एक फोन पर मरीजों को लेने पहुंचती है और अस्पताल पहुंचाती है, लेकिन एक मामला ऐसा सामने आया है, जिसमें गंभीर युवती को इलाज के लिए जिला अस्पताल ले जाना था, लेकिन एंबुलेंस नहीं मिलने पर उसे बाइक पर ही मुलताई से 50 किमी दूर बैतूल जिला अस्पताल परिजन लेकर गए।

युवती की मौत हो गई है। उसके भाई का आरोप है कि अगर समय पर एंबुलेंस मिल जाती तो उसकी बहन की जान बच सकती थी।

मिली जानकारी के अनुसार ग्राम ब्रह्मणवाड़ा की 18 वर्षीय युवती ने शुक्रवार की रात 10 बजे अज्ञात कारणों से जहरीला पदार्थ खा लिया था। जिसे रात 11 बजे मुलताई के सरकारी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था, लेकिन हालत बिगडऩे पर उसे डॉक्टरों ने बैतूल रैफर कर दिया।

लेकिन उस समय जब युवती को मुलताई से बैतूल ले जाने के लिए एंबुलेंस नहीं मिली तो परिजन युवती को गंभीर अवस्था में ही बाइक पर बैठाकर बैतूल ले गए। रात के अंधेरे में 50 किलोमीटर का सफर बाइक से तय करके बैतूल पहुंचने के बाद भी युवती की जान नहीं बच सकी, उसने अस्पताल में दम तोड़ दिया।

बताया जा रहा है कि युवती द्वारा सल्फास की गोलियों का सेवन किया गया था। उसने सल्फास की गोलियां क्यों खाई, इस बारे में किसी को कोई जानकारी नहीं है। परिजनों ने बताया कि उन्हें मुलताई के सरकारी अस्पताल में एंबुलेंस नहीं मिल पाई तो उन्होंने ही अपने मरीज को ले जाने का निर्णय लिया। इसके लिए उन्होंने मरीज को बाइक पर बीच में बिठाया, उसे पकडऩे के लिए एक महिला को बाइक पर सबसे पीछे बिठाया गया। तब कहीं रात डेढ़ बजे वह अस्पताल पहुंच पाए, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी, जहर अपना असर दिखा चुका था, युवती ने शनिवार को दम तोड़ दिया।

युवती के भाई अंकित का कहना है कि मेरा भाई चिंटू और उसकी मां उसकी बहन को बाइक पर बैठाकर ले गए। इनको एंबुलेंस नहीं मिली। एंबुलेंस मिल जाती तो मेरी बहन को समय पर जिला अस्पताल ले जाते तो उसकी जान बच सकती थी।

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