रूस -यूक्रेन युद्ध को मोदी का युद्ध बताने पर अमेरिकी-यहूदी समुदाय की प्रतिक्रिया सामने आई है। अमेरिकी-यहूदी कमेटी (AJC) ने कहा कि हम अमेरिकी अधिकारियों द्वारा भारत पर किए जा रहे हमलों से हैरान और बेहद परेशान है. ट्रंप के ट्रेड एडवाइजर पीटर नवारो ने रूस-यूक्रेन जंग को मोदी का युद्ध कहा था. AJC ने इसे घिनौना आरोप बताया है.
कमेटी ने कहा कि भारत कच्चे तेल के लिए रूसी तेल पर निर्भर है, लेकिन भारत पुतिन के युद्ध अपराधों के लिए जिम्मेदार नहीं है. भारत एक सहयोगी लोकतंत्र है और अमेरिका का महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार है. भारत महाशक्तियों की प्रतिस्पर्धा में अहम भूमिका निभाता है. इस अहम रिश्ते को फिर से मजबूत करने का समय आ गया है.
अमेरिकी -कमेटी एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है, जिसका उद्देश्य यहूदियों और अन्य लोगों के धार्मिक और नागरिक अधिकारों को बढ़ावा देना है. कमेटी के अमेरिका में 25 क्षेत्रीय कार्यालय, 13 विदेशी कार्यालय हैं.
भारत पर मुनाफा कमाने का आरोप
ट्रंप के एडवाजर नवारो ने आरोप लगाया कि यूक्रेन जंग से पहले भारत 1% से भी कम रूसी तेल इंपोर्ट करता था, जो कि अब 30% से भी ज्यादा यानी 15 लाख बैरल प्रतिदिन है. इस इजाफे की वजह घरेलू मांग नहीं है. इससे भारी मुनाफा कमाया जा रहा है.
हालांकि भारत का कहना है कि रूस से तेल खरीदने का उद्देश्य बाजारों को शांत करना है. हम कीमतों को स्थिर रखने के लिए रूस से तेल खरीद रहे हैं. यह राष्ट्रीय और वैश्विक दोनों के हित में है. इसी तेल खरीद को लेकर भारत पर अमेरिका ने 25% पेनाल्टी टैरिफ लगाई है.
कैसे हो सकता है भारत का टैरिफ कम?
भारत पर जुलाई महीने में अमेरिका ने 25% टैरिफ लगाया गया था. इस दौरान 80 से ज्यादा देशों पर टैरिफ लगाए गए. बाद में ट्रंप ने इसमें 25% पेनाल्टी टैरिफ लगाने का भी ऐलान कर दिया.
भारत पर लगे टैरिफ को कम करने के बारे में जब व्हाइट हाउस सलाहकार से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इसको कम करना बेहद आसान है. अगर भारत रूसी तेल खरीदना बंद कर दे तो उसे कल ही 25% की छूट मिल सकती है.