नई दिल्ली : मैनचेस्टर टेस्ट में ऋषभ पंत की दिलेरी दुनिया देख चुकी है. लेकिन, पंत ने जो किया और इंग्लैंड के क्रिस वोक्स जो करने वाले हैं, उसमें फर्क है. ऋषभ पंत का पैर टूटा था. मगर, क्रिस वोक्स अपने टूटे कंधे से खेलेंगे, जिसमें बैटिंग और भी मुश्किल होगी. ये जानते हुए उन्होंने फैसला लिया है कि अगर जरूरत पड़ी तो टीम की खातिर मैदान पर उतरने से हिचकिचाएंगे नहीं. ओवल टेस्ट में वोक्स बैटिंग करने वाले हैं, उसकी पुष्टि जो रूट ने भी चौथे दिन के खेल के बाद किए प्रेस कॉन्फ्रेंस में कर दी है. अब अगर ऐसा है तो उनकी दिलेरी को 1986 में पाकिस्तान के सलीम मलिक और 1992 में न्यूजीलैंड के गेविन लार्सन के दिखाए जिगरे से कम करके नहीं आंका जा सकता.
1986 में पाकिस्तान के सलीम मलिक हुए इंजर्ड, 11वें नंबर पर की बैटिंग
1986 में पाकिस्तान के सलीम मलिक ने जिस टेस्ट मैच में जिगरा दिखाया था, वो फैसलाबाद में खेला गया था. वेस्टइंडीज के खिलाफ सीरीज के उस पहले टेस्ट में सलीम मलिक के बाएं हाथ में चोट थी. उनका वो हाथ टूट गया था. उसके बावजूद वो दूसरी पारी में 11वें नंबर पर बल्लेबाजी के लिए उतरे और कभी दाएं तो कभी बाएं से बल्लेबाजी करते दिखे. टूटे हाथ के साथ बैटिंग करते हुए सलीम मलिक उस टेस्ट की दूसरी पारी में ना सिर्फ 14 गेंदों में 3 रन बनाकर नाबाद रहे थे. बल्कि, साझेदारी निभाकर उन्होंने वसीम अकरम को अर्धशतक बनाने में भी मदद की थी. इतना ही नहीं पाकिस्तान ने आगे वो मुकाबला जीता भी था.
1986 में न्यूजीलैंड के गेविन लार्सन हुए इंजर्ड, 11वें नंबर पर की बैटिंग
1986 में सलीम मलिक की ही तरह 1992 में न्यूजीलैंड क्रिकेट में भी एक ऐसा वाक्या देखने को मिला. वहां के 50 ओवर के घरेलू क्रिकेट टूर्नामेंट शेल कप के फाइनल में मुकाबला कैंटरबरी और वेलिंगटन के बीच था. 14 जनवरी 1992 को खेले उस मैच में कैंटरबरी से मिले लक्ष्य का पीछा करने उतरी वेलिंगटन के लिए गेविन लार्सन ने 11वें नंबर पर बल्लेबाजी की थी, जो कि बुरी तरह से चोटिल थे. उनके भी एक हाथ में चोट थी. बावजूद इसके उन्होंने बल्लेबाजी करने की हिम्मत दिखाई. 11वें पर उतरे इंजर्ड गेविन लार्सन ने उस मैच में 2 गेंदों में 1 रन बनाए थे.
ओवल टेस्ट में क्रिस वोक्स हैं तैयार
अब 2025 में दुनिया क्रिस वोक्स को भी वैसे ही खेलते दिख सकती है. ओवल टेस्ट में इंग्लैंड जीत से 35 रन दूर है. क्रिस वोक्स के आने से पहले उसके 3 विकेट बचे भी हैं. फिर भी अगर जरूरत पड़ी तो भारत की राह में दीवार बनने के लिए क्रिस वोक्स तैयार हैं.