डॉक्टर-स्टूवर्ड को निलंबित करने से महकमे में मचा हडक़म्प
बैतूल – Action Mode Me IAS- कई वर्षों बाद एक बार फिर जिला अस्पताल में सर्जरी होना प्रारंभ हो गया है। कलेक्टर और जिला पंचायत सीईओ के जिला अस्पताल में व्याप्त भ्रष्टाचार और आए दिन आने वाली शिकायतों पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से जहां सतत् निरीक्षण किया जा रहा है। वहीं कमियां पाए जाने पर ताबड़तोड़ कार्यवाही किए जाने से समूचे स्वास्थ्य महकमे में हडक़म्प मचा हुआ है। ताजा मामले में दो शिकायतों पर स्त्री रोग विशेषज्ञ और स्टुवर्ड को निलंबित कर दिए जाने से कहीं ना कहीं उपचार के नाम पर मरीजों और उनके परिजनों से रिश्वत लेने का दुस्साहस करने वालों में दहशत व्याप्त होने लगी है। निश्चित रूप से अगर कलेक्टर अमनबीर सिंह बैंस और जिला पंचायत सीईओ अभिलाष मिश्रा द्वारा इस तरह की कार्यवाही की जाती रही तो सरकार का हर गरीब को नि:शुल्क उपचार उपलब्ध कराने का सपना साकार हो जाएगा। वहीं गरीब नि:शुल्क उपचार मिलने पर स्वस्थ्य होने पर दुआएं भी देंगे जो कि कहीं ना कहीं फलीभूत निश्चित रूप से होगी।

पुरानी शिकायतों पर भी होगी कार्यवाही
जिला अस्पताल के साथ पूरे जिले में स्वास्थ्य विभाग को सुधारने के लिए जो कदम उठाए जा रहे हैं वह वाकई सराहनीय है। जानकारों की माने तो टास्क फोर्स के अध्यक्ष सीईओ जिला पंचायत अभिलाष मिश्र ने जिले भर में स्वास्थ्य विभाग से संबंधित हुई शिकायतों का डाटा एकत्रित करने की कवायद शुरू कर दी है। सूत्रों ने बताया है कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि जो भी शिकायतें आई हैं उन पर क्या कार्यवाही हुई है उससे संबंधित सभी दस्तावेज उनके समक्ष प्रस्तुत किए जाएं। इसके अलावा जो शिकायतें पेंडिंग हैं उन्हें भी बुलवाया गया है। इस कदम से साफ है कि जिनके खिलाफ शिकायतें हुई हैं और अगर वह शिकायतें सही पाई गई हैं और दोषी को बचाया गया है तो दोषी सहित बचाने वाले के खिलाफ भी सख्त कार्यवाही होने की संभावनाएं नजर आ रही हैं।
एक्शन में कलेक्टर
जिला अस्पताल को सुधारने को लेकर युवा कलेक्टर अमनबीर सिंह बैंस ने जो एक्शन लिया है उससे व्यवस्थाओं में सुधार नजर आने लगा है। और यह एक्शन लगातार जारी रहेगा जिससे लंबे समय तक मरीजों और उनके परिजनों को इसका असर भी दिखाई देगा ऐसी संभावनाएं जताई जा रही है। हालांकि कलेक्टर अमनबीर सिंह ने स्पष्ट कर दिया है कि जिला अस्पताल का निरीक्षण सतत् जारी रहेगा। वह स्वयं सहित सीईओ जिला पंचायत द्वारा भी किया जाएगा और जब-जब कमियां या शिकायतें मिलेंगी तो सख्त कार्यवाही भी की जाएंगी। जब निरीक्षण के दौरान जिला अस्पताल में अनियमितताएं मिली तो मानीटरिंग करने वाले अधिकारियों के प्रति भी नाराजगी जताई गई है। अगर व्यवस्था स्थानीय स्तर पर सुधर जाती तो वहां पर फ्लैस लगाने की जरूरत नहीं पड़ती।
अभी और भी हैं बाकी
13 सितम्बर को प्रसूता की आपरेशन के दौरान मौत होने के मामले में तीन डॉक्टरों की विशेष जांच कमेटी बनाई गई थी। इस जांच कमेटी ने शनिवार को अपना जांच प्रतिवेदन कलेक्टर अमनबीर सिंह बैंस को सौंप दिया था। जिसके बाद सोमवार को जांच का असर दिखा और महिला डॉक्टर वंदना धाकड़ को कमिश्रर द्वारा सस्पेंड कर दिया गया। बताया जा रहा है कि जांच प्रतिवेदन में पाया गया है कि लेन-देन की घटना हुई है। प्रोटोकाल से हटकर महिला का आपरेशन किया गया। इसमें पूरी टीम की लापरवाही परिलक्षित हो रही है। इससे साफ है कि इस मामले में और भी दोषी पाए गए हैं और उनके खिलाफ भी कार्यवाही हो सकती है।