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सामान्य प्रशासन विभाग के अनुसार राज्य को एक साथ आईएएस कैडर में 16 अधिकारी मिलेंगे

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भोपाल: प्रदेश के गैर प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को आइईएस बनने का मौका अब नहीं दिया जाएगा। लगातार नौवें साल इनके नाम संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित की जाने वाली विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक के लिए प्रस्तावित नहीं करने का निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने वर्ष 2024 के लिए जिन आठ पदों के लिए नाम भेजने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया है, वे सभी राज्य प्रशासनिक सेवा के हैं। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2023 के आठ और 2024 के आठ पदों के लिए एक साथ विभागीय पदोन्नति समिति (डीपीसी) की बैठक मई-जून में हो सकती है।

आईएएस संवर्ग में पदोन्नति के लिए नियमानुसार गैर प्रशासनिक सेवा के लिए 15 प्रतिशत तक पद रखे जा सकते हैं। यह राज्य के ऊपर रहता है कि वह इन्हें पद देना चाहता है या नहीं।

2016 में तत्कालीन मुख्य सचिव एंटोनी डिसा के समय चार पद गैर प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को दिए गए थे। इसके बाद से इस संवर्ग को अवसर नहीं मिला।

ऐसा नहीं है कि इसमें अधिकारी पात्रता नहीं रखते हैं लेकिन सरकार राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की पर्याप्त उपलब्धता को आधार बनाकर अवसर नहीं दे रही है।

जबकि, इसके लिए कई बार मुख्यमंत्री से लेकर मुख्य सचिव को ज्ञापन दिए जा चुके हैं। इस बार भी जो प्रस्ताव भारत सरकार और संघ लोक सेवा आयोग को भेजा जा रहा है, उसमें भी केवल राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के नाम रहेंगे।

आठ पदों के लिए 24 अधिकारियों के नाम संघ लोक सेवा आयोग को भेजे जाएंगे। इसके लिए सामान्य प्रशासन विभाग ने कमिश्नरों से रिपोर्ट बुलवाई है।

इसके साथ ही जांच एजेंसियों से भी पूछा गया है कि जो नाम प्रस्तावित किए जा रहे हैं, उनके विरुद्ध जांच तो नहीं चल रही है। संघ लोक सेवा आयोग में विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक मई-जून में हो सकती है।

 

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