जिला आबकारी अधिकारी विनोद खटीक ने लिया है गोद
बैतूल(सांध्य दैनिक खबरवाणी) – आंगनवाड़ी सेवाओं को अधिक प्रभावी और बाल रूचि योग्य बनाने हेतु सरकार ने मुख्यमंत्री ने एडाप्ट इन आंगनवाड़ी कार्यक्रम प्रारंभ कियाआंगनवाड़ी सेवाओं को अधिक प्रभावी और बाल रूचि योग्य बनाने हेतु सरकार ने मुख्यमंत्री ने एडाप्ट इन आंगनवाड़ी कार्यक्रम प्रारंभ किया है। इसी कार्यक्रम के तहत आंगनवाड़ी केंद्रों को सामाजिक सहभागिता से जोडऩे पर जोर दिया जा रहा है।

बैतूल कलेक्टर अमनबीर सिंह बैंस ने भी इस अभियान को आगे बढ़ाते हुए स्वयं एक आंगनवाड़ी केन्द्र को गोद लिया है। इस अभियान के तहत जिले की कई आंगनवाड़ी केंद्र की तस्वीर बदलने लगी है।ऐसी ही एक आंगनवाड़ी केंद्र आठनेर विकासखंड के मांडवी गांव में है जहां आंगनवाड़ी केंद्र क्रमांक 4 की हालत जीर्ण-शीर्ण हो गई थी।
स्थिति यह थी कि बारिश में लीकेज दीवालें गंदी होने से आंगनवाड़ी केंद्र के भवन की हालत लगातार खराब होती जा रही थी। इस केंद्र को जिला आबकारी अधिकारी विनोद कुमार खटीक ने गोद लिया और इसकी कुछ दिनों में ही तस्वीर बदल गई। श्री खटीक ने भवन की मरम्मत कराकर आकर्षक रंगरोगन भी करा दिया है ताकि भवन चाईल्ड फ्रेंडली दिखाई दे सके। अब यह आंगनवाड़ी केंद्र ऐसे लगने लगा है जैसे नया भवन बनाया गया हो।
केंद्र में भी जुटाई जाएगी सामग्री

जिला आबकारी अधिकारी श्री खटीक ने बताया कि कलेक्टर अमनबीर सिंह बैंस के निर्देशन पर मांडवी आंगनवाड़ी केंद्र को आदर्श केंद्र बनाने के लिए भवन का जीर्णोंद्धार पूर्ण कर लिया गया है। इस भवन में दर्ज बच्चों के लिए शीघ्र ही यूनीफार्म सहित शैक्षणिक सामग्री की भी व्यवस्था करवाई जाएगी। इसके अलावा बच्चों के खेलने के लिए झूले, फिसल पट्टी सहित अन्य खिलौने की भी पूर्ति की जाएगी। इसके अलावा जरूरमंद बच्चों को गर्म कपड़े, जूते-चप्पल, बैग आदि भी उपलब्ध कराए जाएंगे।
2082 केंद्र लिए हैं गोद
महिला बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी संजय जैन ने बताया कि जिले में 2347 आंगनवाड़ी केंद्र हैं। इसमें मुख्यमंत्री की योजना एडाप्ट इन आंगनवाड़ी के तहत 2082 आंगनवाड़ी केंद्रों को गोद लिया जा चुका है। इनमें कलेक्टर अमनबीर सिंह बैंस ने भी एक आंगनवाड़ी केंद्र गोद लिया है।
इस योजना के तहत कई अधिकारियों, समाजसेवी, जनप्रतिनिधि, संस्थाओं ने भी आंगनवाड़ी केंद्र गोद लिए हैं। गोद लेने वाले व्यक्तियों को अधोसंरचना मूलक आवश्यकता की पूर्ति में सहयोग, बच्चों की व्यक्तिगत आवश्यकता की पूर्ति में सहयोग, स्वास्थ्य एवं पोषण सेवाओं में सहयोग किया जा सकता है। सहयोग के रूप में राशि, चैक, बैंक ड्राफ्ट के माध्यम से दी जा सकती है। वहीं जनसहयोग से प्राप्त होने वाली वस्तुएं, सामान आंगनवाड़ी स्तर पर लिए जा सकेंगे।