बिहार चुनाव 2025 RJD उम्मीदवार सूची: राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए 143 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी है। इस बार तेजस्वी यादव ने टिकट बंटवारे में एक नया A2Z फॉर्मूला अपनाया है, जिसमें हर वर्ग को शामिल करने की कोशिश की गई है। लेकिन इसके साथ ही उन्होंने अपने पारंपरिक MY (मुस्लिम-यादव) वोट बैंक पर भी पूरा भरोसा बनाए रखा है।
MY समीकरण पर कायम रहे तेजस्वी यादव
तेजस्वी यादव ने इस बार भी अपने पिता लालू प्रसाद यादव की परंपरा को जारी रखते हुए यादव और मुस्लिम समुदाय को प्राथमिकता दी है।
RJD की लिस्ट में 52 यादव और 18 मुस्लिम उम्मीदवार शामिल किए गए हैं।
इस तरह लगभग आधी सीटों पर MY समुदाय के प्रत्याशी उतारे गए हैं।
तेजस्वी का मानना है कि बिना इस मजबूत वोट बैंक के सत्ता तक पहुँचना मुश्किल है।
सवर्णों और महिलाओं को भी दिया सम्मान
इस बार RJD ने टिकट वितरण में सवर्णों और महिलाओं को भी अच्छा प्रतिनिधित्व दिया है।
पार्टी ने 16 सवर्ण उम्मीदवारों को मौका दिया है—जिनमें 7 राजपूत, 6 भूमिहार और 3 ब्राह्मण शामिल हैं।
इसके अलावा, 24 महिला उम्मीदवारों को भी टिकट देकर तेजस्वी ने महिलाओं को सशक्त करने का संदेश दिया है।
शिवानी शुक्ला, राहुल शर्मा और वीना देवी जैसे नाम सवर्ण समाज को साधने की कोशिश का हिस्सा हैं।
कुशवाहा वोट बैंक पर भी नजर
तेजस्वी यादव ने इस बार कुशवाहा समुदाय को भी साधने की पूरी रणनीति बनाई है।
पार्टी ने 13 कुशवाहा उम्मीदवारों को टिकट दिया है।
2024 लोकसभा चुनाव में इस समुदाय का एक हिस्सा महागठबंधन के साथ जुड़ा था,
और अब RJD उस रुझान को कायम रखना चाहती है।
तेजस्वी को उम्मीद है कि NDA से उपेंद्र कुशवाहा की नाराजगी इस बार RJD को फायदा पहुंचाएगी।
अति पिछड़ों को साधने की बड़ी कोशिश
इस बार RJD ने 21 अति पिछड़ा वर्ग (EBC) उम्मीदवारों को भी टिकट दिया है।
इनमें बीमा भारती, अजय डांगी, अनीता देवी, भारत भूषण मंडल जैसे नाम शामिल हैं।
साथ ही, हाल ही में मंगनीलाल मंडल को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर तेजस्वी ने यह साफ कर दिया है
कि पार्टी अब 36% EBC वोट बैंक को साथ जोड़ना चाहती है।
यह कदम बिहार की राजनीति में एक नई सामाजिक रणनीति के रूप में देखा जा रहा है।
आरक्षित सीटों पर भी मजबूत दावा
RJD ने इस बार 21 आरक्षित सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं, जिनमें 20 अनुसूचित जाति और 1 अनुसूचित जनजाति की सीट शामिल है।
इनमें रविदास, पासवान और पासी समुदाय को प्रमुखता दी गई है।
कहा जा रहा है कि शराबबंदी कानून से नाराज पासी समाज को RJD अपने पाले में लाने की कोशिश कर रही है।
तेजस्वी का यह ‘बैलेंसिंग फॉर्मूला’ अब कितना कारगर साबित होगा, इसका फैसला चुनाव नतीजे ही करेंगे।





