Modern Lab: मध्यप्रदेश की सभी विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक गुणवत्ता और आईटी सुविधाओं को बढ़ाने के लिए उच्च शिक्षा विभाग ने कई अहम फैसले लिए हैं। इनमें 500 कम्प्यूटर वाली मॉडर्न लैब तैयार करने से लेकर परीक्षा समय सारिणी और शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को सुधारने तक के निर्देश शामिल हैं।
प्रमुख निर्देश और निर्णय:
500 कम्प्यूटर वाली मॉडर्न लैब:सभी विश्वविद्यालयों में 24×7 खुली रहने वाली आधुनिक कम्प्यूटर लैब स्थापित की जाएंगी।यह लैब छात्रों को हर समय उपलब्ध रहेगी ताकि वे आईटी और डिजिटल तकनीकों का बेहतर उपयोग कर सकें।यूनिवर्सिटी मॉनिटरिंग सिस्टम:सभी रजिस्ट्रारों को यूनिवर्सिटी मॉनिटरिंग सिस्टम का सॉफ्टवेयर तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए विश्वविद्यालयों को हाई-लेवल ट्रेनिंग दी जाएगी।परीक्षा टाइम टेबल और संचालन:परीक्षा का टाइम टेबल ऐसा बनाया जाएगा कि परीक्षा साल भर न चले। खासतौर पर इग्नू, भोज विश्वविद्यालय, चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय आदि को परंपरागत विश्वविद्यालयों के साथ अपने टाइम टेबल को समन्वित करने को कहा गया है।45 दिनों में परीक्षा प्रक्रिया पूरी करने और 15 जुलाई तक परिणाम घोषित करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही सप्लीमेंट्री परीक्षा एक महीने में कराने की बात कही गई है।परीक्षा केंद्रों की कमी होने पर स्कूलों में भी परीक्षा केंद्र बनाने की अनुमति दी जा सकती है।शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया:कॉलेजों में शिक्षकों की नियुक्ति प्रथा को रोकते हुए, रिक्त पदों पर शासन के निर्देशानुसार ही भर्ती की जाएगी।सहायक प्राध्यापकों की भर्ती के लिए रोस्टर तैयार करने और दिव्यांगों की भर्ती के लिए भी निर्देश दिए गए हैं।शैक्षणिक उड़नदस्ता:सभी विश्वविद्यालयों को एक शैक्षणिक उड़नदस्ता तैयार करने का निर्देश दिया गया है, जो बिना पूर्व सूचना के माह में एक बार सकारात्मक विजिट करेगा। इसका उद्देश्य शैक्षणिक गुणवत्ता का निरीक्षण और सुधार करना है।पेंशन फंड:कुछ विश्वविद्यालयों में पेंशन फंड का पैसा जमा नहीं होने की शिकायतें सामने आई हैं। विशेष रूप से रीवा, छतरपुर, छिंदवाड़ा विश्वविद्यालयों को जल्द से जल्द 2023-24 का पेंशन फंड जमा करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही ऑडिट रिपोर्ट भी देने के लिए कहा गया है।शिक्षा के गुणवत्ता सुधार:राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत हायर एजुकेशन में गुणवत्ता सुधार, रिसर्च सेंटर की स्थापना, छात्रों के एनरोलमेंट, प्रमोशन, और परीक्षा संचालन पर ध्यान दिया जाएगा। इन निर्णयों का उद्देश्य मध्यप्रदेश की उच्च शिक्षा प्रणाली को और अधिक आधुनिक और सुसंगठित बनाना है, जिससे छात्रों को बेहतर सुविधाएँ मिलें और शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार हो सके। मॉडर्न कम्प्यूटर लैब, समयबद्ध परीक्षाएँ, और शिक्षकों की नियुक्ति में पारदर्शिता जैसे कदम राज्य के शैक्षिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
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