Resign: देवरी विधायक बोले मैंने गुस्से में दिया इस्तीफा

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पार्टी और मुख्यमंत्री के निर्देशों का करूंगा पालन

Resign: सागर(ई-न्यूज)। देवरी के भाजपा विधायक के इस्तीफा देने से राजनैतिक हलकों में हडक़म्प मच गया था। लेकिन कुछ ही समय बाद विधायक ने यू टर्न लेते हुए कहा कि उन्होंने गुस्से में इस्तीफा लिख दिया था। पार्टी और मुख्यमंत्री मेरे साथ हैं, वो जो भी निर्देश देंगे मैं उनका पालन करूंगा। ब्रजबिहारी पटैरिया सागर जिले के देवरी से भाजपा के विधायक हैं।


यह बताई थी वजह


इससे पहले गुरुवार देर रात को विधायक पटैरिया ने अपना इस्तीफा लिख दिया था। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष के नाम लिखे पत्र में एक मामले को लेकर कहा था कि पीड़ित पक्ष के साथ न्याय नहीं होने से आहत हूं, इसलिए विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं। पटैरिया गुरुवार देर रात केसली थाने में अपने समर्थकों के साथ धरने पर बैठ गए थे। इसकी सूचना मिलते ही पुलिस अधिकारी केसली थाने पहुंचे और विधायक को समझाने की कोशिश की। लेकिन विधायक एक डॉक्टर पर एफआईआर दर्ज करने की मांग पर अड़े रहे। आखिरकार 4 घंटे तक विधायक के धरना प्रदर्शन के बाद पुलिस ने आरोपी डॉक्टर पर एफआईआर दर्ज की।


थाने पर दिया था धरना


विधायक पटैरिया ने बताया कि सर्पदंश से व्यक्ति की मौत हो गई थी। जिसकी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट बनाने के लिए डॉक्टर ने मृतक के परिजन से पैसों की मांग की। पैसे नहीं दिए तो डॉक्टर ने रिपोर्ट में सर्पदंश नहीं लिखा। एसपी, एसडीओपी, टीआई से बात कर मामले की जानकारी दी। एफआईआर कर मामले की जांच कराने के लिए कहा, लेकिन एफआईआर नहीं हुई। थाने आया तो वह कई नियम बता रहे हैं। बीजेपी के सीनियर लीडर और पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव ने पटैरिया को इस्तीफा न देने की सलाह दी है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा- उक्त घटनाक्रम दुखद है। शासकीय कर्मचारियों द्वारा मृत्यु प्रमाण पत्र बनाए जाने के लिए पैसे की मांग की जा रही है। भाजपा सरकार गरीबों के लिए ही दिन रात काम कर रही है। पुलिस अधिकारी हो या चिकित्सक, उनकी ऐसी कार्यप्रणाली बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मेरे द्वारा विधानसभा देवरी के विधायक एवं वरिष्ठ भाजपा नेता बृजबिहारी पटैरिया से कहा गया है कि हमें क्षेत्र की जनता ने आशा और विश्वास के साथ चुना है। आप इस्तीफा न दें। मैं स्वयं पुलिस प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों एवं चिकित्सा विभाग के अधिकारियों से संबंधित पुलिसकर्मी एवम् दोषी चिकित्सक के विरुद्ध कार्रवाई हेतु बात कर रहा हूं। इसके बाद मैंने जिले के अधिकारियों से बात कर संबंधित दोषियों के विरुद्ध अविलंब एक्शन लेने को कहा है।

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थाने में ही बुलवा लिया था बिस्तर


भाजपा विधायक बृजबिहारी पटैरिया गुरुवार रात करीब 9.50 बजे अपने समर्थकों के साथ केसली थाने पहुंचे। उन्होंने डॉक्टर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की। लेकिन पुलिस ने कार्रवाई करने में आनाकानी की। जिसके विरोध में विधायक समेत समर्थक और पी?ित परिवार के लोग थाने के गेट पर धरने पर बैठ गए। साथ ही पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। रात 11.30 बजे तक पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की तो विधायक ने थाना परिसर में ही सोने के लिए बिस्तर बुला लिया। जब निर्वाचित विधायक के खिलाफ एफआईआर हो सकती है तो डॉक्टर के खिलाफ क्यों नहीं? ऐसा निर्वाचित विधायक होने का कोई मतलब नहीं है। यदि विधायक को थाने में एफआईआर कराने खुद आना पड़े और न लिखी जाए तो इससे शर्मसार करने वाली बात क्या हो सकती है। वह भी सत्ता पक्ष का विधायक। मैंने इस्तीफा दे दिया है। ऐसी विधायकी मुझे नहीं करना है।


डॉक्टर पर लगाए थे पैसे मांगने के आरोप


मामला देवरी विधानसभा क्षेत्र के मेढक़ी गांव का है। पीडि़त परिजन रोहित यादव ने आरोप लगाया कि करीब 27 दिन पहले उसके परिवार में एक बुजुर्ग की सर्पदंश से मौत हुई थी। जिनका पोस्टमॉर्टम डॉ. दीपक दुबे ने किया था। लेकिन वे पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट नहीं दे रहे हैं। रोहित यादव ने कहा कि सर्पदंश से मौत होने पर शासन से 4 लाख रुपए की आर्थिक सहायता मिलती है। जिस कारण पीएम रिपोर्ट देने के नाम पर डॉक्टर दीपक दुबे आर्थिक सहायता का 10 प्रतिशत मतलब 40 हजार रुपए की मांग कर रहे हैं। हालांकि, शिकायतकर्ता रोहित यादव का यह भी कहना है कि डॉक्टर ने सीधे तौर पर उनसे पैसों की मांग नहीं की है। डॉक्टर जहां प्राइवेट प्रैक्टिस करते हैं उसके पास स्थित मेडिकल स्टोर संचालक के माध्यम से रिश्वत मांगी है। पीडि़त ने मामले की शिकायत सीएम हेल्पलाइन और थाने में की, लेकिन सुनवाई नहीं हुई।साभार…

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