आचार संहिता के बाद प्रतीक्षालयों से हटे थे नाम
Betul News – बैतूल – 2023 के विधानसभा चुनाव को संपन्न हुए 8 माह हो गए हैं। इसी तरह से 2024 के लोकसभा चुनाव भी लगभग दो माह पूर्व पूर्व हो गए थे। अक्टूबर 2023 के आदर्श आचार संहिता के लागू होते ही जिले एवं शहर के विभिन्न क्षेत्रों में बनाए गए यात्री प्रतीक्षालयों पर लिखे जनप्रतिनिधियों के नाम राज्य शासन की ओर से सफेद पेंट से पोत दिए गए थे। इसी तरह से विभिन्न शासकीय आयोजनों में भूमिपूजन, शिलान्यास एवं लोकार्पण के उन बोर्ड और पत्थरों पर उन नामों पर भी पेंट पोत दिया गया था जो निर्वाचित जनप्रतिनिधि थे और विभिन्न राजनैतिक दलों से जुड़े हुए थे।
सांसद निधि से बने थे प्रतीक्षालय | Betul News
जिले और बैतूल शहर के कई स्थानों पर विधानसभा चुनाव के कई दिनों पहले ही जिले के सांसद एवं वर्तमान में केंद्रीय राज्य मंत्री दुर्गादास उइके द्वारा सांसद निधि के माध्यम से नागरिकों एवं बाहर से आने वाले यात्रियों की सुविधा के लिए प्रतीक्षालयों का निर्माण करवाया था। और इन प्रतीक्षालयों पर सांसद दुर्गादास उइके का बड़े अक्षरों में नाम भी लिखा गया था। इन प्रतीक्षालयों का बड़ी संख्या में लोग उपयोग भी कर रहे हैं। लेकिन अक्टूबर 2023 से इन सभी प्रतीक्षालयों से चुनाव आचार संहिता के चलते सरकारी महकमे ने दुर्गादास उइके के नाम पर सफेद पेंट पोत दिया था। जो आज तक बरकरार है। जबकि 4 जून 2024 को देश भर में लोकसभा चुनाव की चुनाव आचार संहिता भी हटा दी गई थी। लगभग दो महीने बीत जाने के बाद भी प्रशासन द्वारा अभी तक इन बोर्डों पर वापस सांसद दुर्गादास उइके का नाम नहीं लिखा गया है।
विधायको ने भी दी थी राशि
जिले के सभी विधानसभा क्षेत्र के कई स्थानों सहित बैतूल शहर में भी कई जगहों पर विधायक निधि से कई यात्री प्रतीक्षालय बने थे और विधायक निधि से शासन की विभिन्न एजेंसियों ने जगह-जगह पर ऐसे प्रतीक्षालय निर्मित करवाए थे। स्थानों का चयन भी जनप्रतिनिधियों के द्वारा निर्देशित किए जाने के बाद किया गया था। चुनाव बीत जाने और आचार संहिता हट जाने के बाद भी विधायक निधि से बने इन प्रतीक्षालयों के ऊपर लगे बोर्डों के ऊपर अभी भी सफेद पेंट पुता हुआ है।
जिले की अन्य क्षेत्रों की भी यही स्थिति | Betul News
जिले के हर विधानसभा क्षेत्र में सांसद और तत्कालीन विधायकों द्वारा सांसद एवं विधायक निधि से अलग-अलग नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में आम जनता की सुविधा के लिए ऐसे प्रतीक्षालय बनवाए गए थे। इन विधायकों में से चार विधायक अब पूर्व हो गए हैं। लेकिन इनकी निधि से बने प्रतीक्षालयों पर इनका नाम वापस नहीं लिखा गया है। इसके अलावा विभिन्न कार्यों के लगाए गए शिलान्यास और लोकार्पण के पत्थरों पर भी दोबारा वर्तमान और पूर्व जनप्रतिनिधियों के नाम पर नहीं लिखे गए हैं।
इनका कहना…
जो प्रतीक्षालय नगर पालिका द्वारा बनवाए गए हैं उनमें पुन: नाम लिखवाए जाएंगे। और जो प्रतीक्षालय दूसरी एजेंसी ने बनवाए हैं उन्हें ठीक करने की जिम्मेदारी उनकी है।
ओमपाल सिंह भदौरिया, सीएमओ, नपा, बैतूल
आचार संहिता समाप्त होने की सूचना मतगणना समाप्त होने के बाद सभी को मिल जाती है। रही प्रतीक्षालय में नाम लिखवाने की बात तो संबंधित विभाग लिखवाना चाहते हैं तो वो लिखवा सकते हैं।
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