पर्यटन एवं वन संरक्षण जागरूकता के लिए आयोजन
Kukru Tourism – बैतूल – जिले के ईको टूरिज्म कुकरू खामला को विकसित करने के लिए वन विभाग ने जीर्णोद्धार किया है। इसके अलावा पर्यटन एवं वन संरक्षण जागरूकता के लिए आज बाइक रैली निकाली गई जो बैतूल से कुकरू तक जाएगी। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि दक्षिण वन मंडल के डीएफओ विजय अनन्थम टीआर एवं समाजसेवी रामककृष्ण तिवारी, वरिष्ठ अधिवक्ता संजय शुक्ला ने राईडर्स को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
डीएफओ विजयानन्तम टी.आर. ने बताया कि कुकरू में ईको टूरिज्म स्थल का जीर्णोद्धार किया गया है। इसमें पर्यटकों के लिए कई नई सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं।वन विभाग के इन प्रयासों से कुकरू में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और यह स्थल पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण बनेगा। इस प्रकार, कुकरू का विकास स्थानीय लोगों के जीवन में भी समृद्धि लाएगा और बैतूल जिले को पर्यटन के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएगा।
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प्रकृति प्रेमियों के लिए स्वर्ग है कुकरू
सतपुड़ा की वादियों में बसा कुकरू, बैतूल जिले से मात्र 90 कि.मी. दूर है। 1137 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह स्थान प्रकृति प्रेमियों, एडवेंचर प्रेमियों और सुकून के पल बिताने वालों के लिए एक पसंदीदा गंतव्य के रूप में उभर रहा है। यहां के प्राकृतिक सौंदर्य, ग्रामीण संस्कृति और अद्वितीय अनुभवों का आनंद लेने के लिए यह स्थान अब और भी सुविधाजनक बना दिया गया है। पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए ईको टूरिज्म स्थल पर केंटिन की व्यवस्था की गई है, जहां पर्यटक स्थानीय व्यंजनों का स्वाद ले सकते है। रात्रि विश्राम हेतु रहने के लिए बिजली की व्यवस्था की गई है। केम्पस में मचान बनाए गये है। सोलर लाईट लगाए गए है। पर्यटकों की सुविधा के लिए सिग्नल बुस्टर लगाए गये है, ताकि पर्यटक अपने परिवारजनों से बात कर सकें। जंगल सफारी गाड़ी की व्यवस्था की गई है, जिसमें पर्यटक परिवार के साथ पवन चक्की, लोकलदरी एवं कुकरू विलेज, लेडी फ्लोरेंस का पूर्व निवास एवं जंगल का आनंद ले सकते है।
मनोरंजन की भी है सुविधा
स्थानीय जनजाति द्वारा पर्यटकों के कहने पर कोरकु नृत्य कार्यकम भी आयोजित किया जाता है। केम्पस में चिल्ड्रन प्ले एरिया विकसित किया गया है, जिसमें बच्चों के मनोरंजन हेतु विभिन्न प्रकार के झूले व अन्य मनोरंजक उपकरण स्थापित किये गये है। पर्यटन स्थल पर काफी गार्डन नेचर ट्रेल एवं साईकलिंग ट्रैक विकसित किया गया है, जहां नेचर ट्रेल, माउनटेन साईकलिंग, हॉर्स राईडिंग का मजा ले सकते है। प्राकृतिक सौंदर्य, काफी बागान, ग्रामीण संस्कृति, कुकरू जनजाति लोकनृत्य एवं सीपना नदी उद्गम स्थल देख सकते है।

कुकरू का यह है प्रमुख आकर्षण
कॉफी बागान– मध्यप्रदेश का इकलौता कॉफी बागान वन विश्राम गृह, कुकरू से लगा हुआ है। वर्तमान स्थिति में कॉफी बागान 44 हेक्टेयर में फैला हुआ है। कॉफी बागान एवं आस-पास के क्षेत्रो में विभिन्न प्रकार के पक्षियों के दर्शन होते है।
भोण्डियाकुण्ड दर्शन/सिपना दर्शन– यह पाईंट सतपुडा पर्वत श्रंखला के मध्य बसा हुआ वनग्राम भोंडियाकुण्ड दर्शन स्थल के साथ-साथ महाराष्ट्र प्रांत के मेलघाट टाईगर रिजर्व की जीवनदायनी सिपना नदी का उदगम स्थल है इस बिन्दु से सतपुडा पर्वत श्रंखला की मनभावन सात पर्वत श्रेणीयां दृष्टिगोचर होती है।
बुच पाईंट– यह पाईंट सतपुड़ा की वादियों में स्थित सूर्योदय दर्शन का अत्यंत रमणीय बिन्दु है। प्राकृतिक सौंदर्य यहां से देखते ही बनता है।
सूर्यास्त पाईंट– यह पाईंट म.प्र. एवं महाराष्ट्र प्रांत की सीमा रेखा के निकट सतपुडा की सुंदर पहाडय़िों के विहंग्म दृश्य के मध्य सूर्यास्त दर्शन का रमणीय स्थान है। मिस फ्लोरेंस हेड्रिक्स हेरिटेज/आश्रम यह पाईंट ब्रिटिश महिला मिस फ्लोरेंस हेड्रिक्स का पूर्व निवास जो जीर्ण-शीर्ण अवस्था में इस स्थान पर घने जंगलो के मध्य वे अकेली निवास करती थीं।
सांस्कृतिक नृत्य-ईको पर्यटन केन्द्र कुकरू में स्थानीय आदिवासियों के द्वारा लोकनृत्य का आयोजन किया जाता है।
बैलगाड़ी सवारी -ईको पर्यटन केन्द्र कुकरू में स्थानीय ग्रामीणों द्वारा बैलगाडी सवारी का आयोजन किया जाता है।
सायकल पथ (साइकिलिंग)– ईको पर्यटन केन्द्र कुकरू से भोंडियाकुण्ड तथा अन्य दर्शनीय स्थलो पर साइकिलिंग की सुविधा उपलब्ध है।
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