फटे, जले या चिपके हुए नोट ले आओ, नहीं चलने वाले नोट ले आओ और बदले में नया नोट ले जाओ। अचानक से जेब से निकला फटा हुआ नोट या फिर जलकर सिंक जाने वाला कोई पुराना नोट… ऐसी स्थिति का सामना कभी ना कभी हम सभी को करना पड़ता है. कभी-कभी तो लोग फटे नोट को टेप लगाकर जोड़ने की जुगाड़ करते हैं, जले नोटों के किनारों को काटकर ठीक करने की कोशिश करते हैं या चिपके हुए नोटों को पानी या किसी गोंद से अलग करने का प्रयास करते हैं. लेकिन, ये तरीके गलत और अवैध हैं.
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ऐसे नोटों को बाजार में चलाने की कोशिश करना नुकसानदायक हो सकता है. दुकानदार अक्सर इन नोटों को लेने से मना कर देते हैं, जिससे आपको ही घाटा होता है. इतना ही नहीं, जानबूझकर फटे, जले या चिपके हुए नोटों को चलाने पर कानूनी कार्रवाई का भी सामना करना पड़ सकता है.
परेशान होने की जरूरत नहीं! RBI के नियम हैं आपके काम के
आपको बता दें कि भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने फटे या जले हुए नोटों को बदलने के लिए नियम बनाए हैं. इन नियमों का पालन करके आप अपना नुकसान टाल सकते हैं. तो आइए, जानते हैं कि फटे, जले या चिपके हुए नोटों को कैसे बदला जा सकता है:
फटे हुए नोटों पर RBI का क्या कहना है?
रिजर्व बैंक के अनुसार, फटा हुआ नोट वह होता है जिसका कुछ हिस्सा गायब हो या फिर दो से ज्यादा टुकड़ों में जुड़ा हुआ हो. अच्छी बात ये है कि फटे हुए नोटों को एक्सचेंज कराने के लिए किसी भी फॉर्म की जरूरत नहीं होती है.
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5000 रुपये तक के फटे नोट आसानी से होंगे एक्सचेंज
अगर आपके पास 5000 रुपये तक के मूल्य का 20 टुकड़ों से कम का फटा हुआ नोट है, तो बैंक उसे बिना किसी परेशानी के एक्सचेंज कर देगा. लेकिन, ध्यान दें कि 20 से ज्यादा टुकड़े या 5000 रुपये से ज्यादा का फटा हुआ नोट जमा करने पर बैंक नोट का मूल्यांकन करेगा और बाद में रकम आपके खाते में जमा कर देगा. ऐसी स्थिति में बैंक सर्विस चार्ज भी ले सकता है. वहीं, 50,000 रुपये से ज्यादा के फटे हुए नोट जमा करते वक्त बैंक कुछ जरूरी एहतियात भी बरतेगा.
जले या चिपके हुए नोटों का क्या करें?
अगर आपके पास बहुत ज्यादा जले हुए या आपस में चिपके हुए नोट हैं, तो उनके लिए RBI का नियम थोड़ा अलग है. रिजर्व बैंक कहता है कि जो नोट बहुत ज्यादा जले हुए हों, पूरी तरह से खराब हो गए हों या आपस में इस तरह चिपके हों कि इस्तेमाल के लायक न रहें, उन्हें बैंक ब्रांच में स्वीकार नहीं किया जाएगा. ऐसे नोटों को संबंधित जारीकर्ता कार्यालय में जमा करना होता है, जहां उनका विशेष प्रक्रिया के तहत मूल्यांकन किया जाएगा.