मिलेगी अधिक पैदावार
MILLET FARMING – बाजरा एक महत्वपूर्ण खरीफ फसल है जो कम पानी और कम उपजाऊ जमीन में भी उगाई जा सकती है। यह पोषक तत्वों से भरपूर होता है और इसका उपयोग अनाज, चारा और मल्टीग्रेन आटे के लिए किया जाता है।
उन्नत किस्मों की खेती से बढ़ेगी पैदावार और मुनाफा | MILLET FARMING
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उच्च पैदावार: बाजरे की उन्नत किस्में, पारंपरिक किस्मों की तुलना में 30-40% अधिक पैदावार दे सकती हैं।
रोग प्रतिरोधक: ये किस्में, रोगों और कीटों के प्रति अधिक प्रतिरोधी होती हैं, जिससे किसानों को कम खर्च और अधिक मुनाफा होता है।
सूखा सहनशील: कुछ उन्नत किस्में सूखे की स्थिति में भी अच्छी पैदावार दे सकती हैं, जो कम वर्षा वाले क्षेत्रों के लिए फायदेमंद है।
कुछ लोकप्रिय उन्नत बाजरा किस्में:
एचबीएस 3: यह एक जल्दी पकने वाली किस्म है जो 80-85 दिनों में तैयार हो जाती है।
आईसीएमएच 356: यह एक मध्यम अवधि वाली किस्म है जो 90-95 दिनों में तैयार होती है।
पीएम 14: यह एक देर से पकने वाली किस्म है जो 100-105 दिनों में तैयार होती है।
सरकारी योजनाएं | MILLET FARMING
कई सरकारी योजनाएं किसानों को बाजरे की उन्नत किस्मों की खेती करने के लिए प्रोत्साहित करती हैं। इन योजनाओं के तहत, किसानों को बीज, सिंचाई और अन्य कृषि इनपुट पर सब्सिडी मिल सकती है।
किसानों को सलाह:
अपनी क्षेत्रीय जलवायु और मिट्टी की स्थिति के लिए उपयुक्त बाजरे की किस्म का चयन करें।
उन्नत कृषि तकनीकों का उपयोग करें जैसे कि ड्रिप इरिगेशन और मल्टी-क्रॉपिंग।
अपनी फसल को रोगों और कीटों से बचाने के लिए उचित integrated pest management (IPM) तरीकों का पालन करें।
बाजार मूल्यों का अध्ययन करें और अपनी फसल को सही समय पर बेचें।
बाजरे की उन्नत किस्मों की खेती, किसानों के लिए अपनी आय और जीवन स्तर को बेहतर बनाने का एक शानदार अवसर है।
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