भोपाल – दतिया मेडिकल कॉलेज की स्टाफ नर्स ने डॉक्टरों और स्टाफ की मानसिक प्रताड़ना से तंग आकर आत्महत्या करने की कोशिश की है। उसने नींद की 80 गोलियां खा लीं। उसे मेडिकल कॉलेज के ICU वार्ड में भर्ती कराया गया है। फिलहाल उसकी हालत खतरे से बाहर है। उसका आरोप है कि डॉक्टर उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित करते हैं। वे उसे यार कहकर बुलाते हैं।
बैतूल निवासी रीना घोष मेडिकल कॉलेज में स्टाफ नर्स के पद पर पदस्थ है। वह पिछले 6 महीने से फीवर क्लीनिक में काम कर रही है। डॉक्टरों की प्रताड़ना के चलते उसने दो दिन पहले घर पर नींद की गोलियां खा ली थीं। हालत बिगड़ने के बाद उसे मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था।
रीना ने मीडिया को बताया की
मैंने 6 महीने पहले ही मेडिकल कॉलेज में स्टाफ नर्स के पद पर जॉइन किया था। पहले दिन से ही नर्सिंग सुप्रिटेडेंट डॉ. विजी अवस्थी मानसिक रूप से मुझे प्रताड़ित कर रहे हैं। वे मुझे यार कहकर बुलाते हैं। मैंने तंग आकर नींद की गोलियां खा ली थीं। मुझे यहां भर्ती कर दिया। मेरा ओपीडी पर्चा तक नहीं बनाया गया। मैं कितने दिन से एडमिट हूं, मुझे खुद भी याद नहीं। मैं नर्स हूं, पर मुझे नहीं पता मुझे क्या दवाएं दी जा रही हैं। मैंने एमएससी नर्सिंग कर रखा है। मुझे भी वार्ड की इंजार्चशिप चाहिए। मैं किसी वार्ड में जनरल स्टाफ की तरह काम करने नहीं जाऊंगी। इन्होंने मेरे साथ बहुत गलत किया है। हम जब किसी और का काम नहीं करते ये ड्यूटी बदलवाने की धमकी देते हैं। मुझे मेरा ट्रीटमेंट पर्चा चाहिए। मुझसे क्वॉलिफिकेशन के अनुसार कार्य नहीं करवाया जा रहा है। मुझे फीवर क्लीनिक में काम करने को कहा गया है। मुझे वहां कार्य करने में कोई परेशानी नहीं थी, लेकिन बाद में जबरन मैटरनिटी वार्ड में ड्यूटी लगा दी। मैंने अधीक्षक डॉ. अर्जुन सिंह से भी बात की, उन्होंने भी मेरी एक नहीं सुनी। फीवर क्लीनिक के इंचार्ज डॉ. सुभांशु गुप्ता भी मुझे यार कहकर बुलाते हैं।
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