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MP Congress – प्रदेश कार्यकारिणी भंग, नए लोगों को मिलेगा मौका

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नए सिरे से तैयार हो रही युवाओं की टीम 

MP Congressभोपाल ब्यूरो – विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद प्रदेश स्तर पर हुए फेरबदल में जहां प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ को हटाकर कांग्रेस के ऊर्जावान नेता जित्तू पटवारी को प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंपी गई हैं तो वहीं अब प्रदेश कार्यकारिणी भी भंग कर दी गई है। पहले इस कार्यकारिणी में लगभग दो सैकड़ा पदाधिकारी थे। अब उनको हटा दिया गया है और कांग्रेस सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक नई कार्यकारिणी में नए लोगों को मौका दिया जाएगा और नए पदाधिकारियों की संख्या भी सीमित रहेगी।

ये थे अभी तक प्रदेश के पदाधिकारी | MP Congress

विधानसभा चुनाव को लेकर गुटीय तालमेल बैठाने के लिए तत्कालिन कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने अपने समर्थकों को प्रदेश पदाधिकारी बनाया था जिसमें बैतूल जिले से कांग्रेस नेता समीर खान को प्रदेश महामंत्री, डिप्टी कलेक्टर पद से इस्तीफा देकर कांग्रेस में आई निशा बांगरे को प्रदेश महामंत्री, सारनी के कांग्रेस नेता तिरूरुपति एरूलु, किरण झरबड़े और इसके अलावा लंबे समय तक सेवादल में रहे चिचोली के कांग्रेस नेता मनोज आर्य को प्रदेश सचिव बनाया गया था।

कमलनाथ ने बांटी थी रेवड़ी

विधानसभा चुनाव को लेकर पूर्व प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने हर जिले में थोक में प्रदेश पदाधिकारी नियुक्त कर दिए थे। इसमें यह भी नहीं देखा जा रहा था कि जिन्हें प्रदेश प्रभारी बनाया जा रहा है वह इस योग्य है कि नहीं है, बस अपने गुट के कांग्रेसियों को उपकृत करने के लिए उन्हें नियुक्ति पत्र दिए जा रहे थे। यही कारण है कि विधानसभा चुनाव कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा। जहां-जहां प्रदेश प्रभारी बनाए गए वहां-वहां कांग्रेस प्रत्याशियों को हार का सामना करना पड़ा। कई जिलों में तो कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया।

देर से आई समझ | MP Congress

कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व को बहुत देर से यह समझ आई कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस संगठन बहुत कमजोर है और गुटबाजी के चलते वफादार और सक्रिय कांग्रेस पदाधिकारियों को घर बैठा दिया है। यही कारण है कि कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व ने फैसला लिया और प्रदेश में गुटबाजी पैदा करने वाले कांग्रेस नेताओं को दरकिनार कर दिया है। जिनमें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ और कांग्रेस के राज्य सभा सदस्य दिग्विजय सिंह शामिल हैं। बताया जा रहा है कि इन्हीं दोनों ने मिलकर कांग्रेस की 230 टिकट बांटी थी। जिसमें से मात्र 63 कांग्रेस प्रत्याशी ही अपने बलबूते पर चुनाव जीते हैं।

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