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Amla Assembly – निशा नहीं तो मोनिका होगी कांग्रेस उम्मीदवार!

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इस्तीफा स्वीकार नहीं हुआ तो नए को मिला सकता है चांस

Amla Assemblyबैतूल पिछले तीन महीने से प्रशासकीय सेवा से इस्तीफा स्वीकार करने को लेकर डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे ने हर दांव आजमा लिया है। प्रशासनिक स्तर से लेकर न्यायालीन कार्यवाही और सामाजिक हस्तक्षेप भी निशा बांगरे को अभी तक इस मामले में सफलता नहीं दिलवा पाया है।

मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव कार्यक्रम के अंतर्गत 30 अक्टूबर उम्मीदवारों के नामांकन का अंतिम दिन है। और यदि इस दिन तक निशा बांगरे का इस्तीफा स्वीकार नहीं हुआ तो कांग्रेस को किसी अन्य उम्मीदवार को चुनाव मैदान में उतारना पड़ेगा।

आमला को लेकर कांग्रेस असमंजस में | Amla Assembly

2018 के विधानसभा चुनाव में समीपस्थ जिले छिंदवाड़ा और बैतूल दोनों जिले की 12 विधानसभा सीटों मेंं से मात्र आमला विधानसभा सीट ऐसी थी जहां से बीजेपी को सफलता प्राप्त हुई थी। और बाकी सभी 11 सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवारों को विजय मिली थी। भाजपा ने तो वर्तमान विधायक और युवा चिकित्सक डॉ. योगेश पंडाग्रे को पुन: अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है लेकिन कांग्रेस अभी भी असमंजस में है।

मिली जानकारी के अनुसार कांग्रेस प्रशासनिक अधिकारी निशा बांगरे के इस्तीफा स्वीकार होने का इंतजार कर रही है। क्योंकि जिस तरह से कांग्रेस के दिग्गज नेता कमलनाथ एवं दिग्विजय सिंह निशा बांगरे के इस्तीफा स्वीकार करने को लेकर सहयोग दे रहे हैं उससे यह तो स्पष्ट हो गया है कि 30 तारीख के पूर्व यदि इस्तीफा स्वीकार होता है तो सिर्फ और सिर्फ निशा बांगरे ही आमला से कांग्रेस उम्मीदवार होंगी।

इस्तीफा स्वीकार होने के नहीं दिख रहे आसार

जिस तरह से राज्य शासन शुरू से निशा बांगरे के इस्तीफे को लेकर नई-नई अड़चनें पैदा कर रहा है उससे 30 अक्टूबर तक निशा बांगरे के इस्तीफा स्वीकार होने के आसार नहीं दिख रहे हैं। अब तो निशा बांगरे को सुप्रीम कोर्ट से रिलीफ मिलने की आस है। कल 19 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में निशा बांगरे की याचिका पर सुनवाई की संभावना है, यदि किसी कारणवश यह तारीख बढ़ जाती है तो फिर नामांकन की डेडलाइन तक किसी तरह की उम्मीद बाकी नहीं रह जाएगी।

कांग्रेस को भी देना होगी महिला को सीट | Amla Assembly

भाजपा ने जिले की पांच में से 4 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं सिर्फ बैतूल की घोषणा बाकी है और संभावना यह है कि बैतूल से हेमंत खण्डेलवाल पुन: चुनाव लड़ेंगे। भाजपा ने घोषित चार में से घोड़ाडोंगरी विधानसभा सीट से महिला उम्मीदवार गंगाबाई को चुनाव मैदान में उतार दिया है वहीं कांग्रेस ने घोषित चार उम्मीदवारों में से किसी भी महिला को टिकट नहीं दी है। आमला में घोषणा होना बाकी है इसलिए राजनैतिक हल्कों में यह माना जा रहा है कि अब कांग्रेस को भी आमला विधानसभा सीट से महिला को चुनाव मैदान में उतारना पड़ेगा। वैसे भी कमलनाथ ने 144 उम्मीदवारों की सूची जारी करते समय यह कहा था कि हम महिलाओं को अधिक से अधिक मौका दे रहे हैं।

निशा नहीं तो मोनिका

30 अक्टूबर की डेडलाइन तक निशा बांगरे को राहत नहीं मिलने की स्थिति में और घोड़ाडोंगरी से भाजपा की महिला उम्मीदवार घोषित होने के चलते आमला से कांग्रेस भी महिला उम्मीदवार पर दांव चला सकती है और ऐसी स्थिति में पहला नाम मोनिका निरापुरे का ही सामने आ रहा है। लंबे समय से क्षेत्र में सक्रिय और कांग्रेस के महिला संगठन में काम कर रही मोनिका निरापुरे की साफ सुथरी छवि का भी उन्हें फायदा मिल सकता है। क्षेत्र में कांग्रेस से सीमा अतुलकर भी एक जुझारू नेत्री मानी जाती है।

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