Hanuman Ji Ka Mandir – यहाँ से कोई नहीं हिला पाया हनुमान जी की प्रतिमा, जानिए इस सिद्ध मंदिर के बारे में 

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जिले की सीमा के अंतिम गांव तारमखेड़ा में है सिद्ध हनुमान मंदिर, 24 घंटे बहने वाली रहस्यमय जलधारा आकर्षण का केंद्र 

Hanuman Ji Ka Mandirकहते है इस पृथ्वी लोक पर आज भी ऐसे 8 लोग हैं जो की अमर हैं जैसे अश्वत्थामा, राजा बलि, महर्षि वेदव्यास, हनुमानजी, विभीषण, कृपाचार्य, परशुराम व ऋषि मार्कण्डेय अब अगर हम बात करें हनुमान जी की तो रामभक्त हनुमान अजर और अमर हैं। समय समय पर हनुमान जी अपने होने का एहसास अपने भक्तों को दिलाते रहते हैं। कहीं न कहीं हनुमान जी अदृश्य रूप से हम सभी के  बीच मौजूद है।

देश में सबसे ज्यादा मंदिर हनुमान जी के ही पाए जाते हैं। हनुमान जी की अविरल भक्ति से जहाँ एक ओर मन को शांति मिलती है तो वहीं दूसरी ओर सकारात्मकता का भी संचार होता है।  हनुमान जी के कई चमत्कारिक मंदिर हमारे देश में मौजूद हैं ऐसा ही एक चमत्कारिक हनुमान मंंदिर बैतूल जिले की सीमा पर बसे जिले के अंतिम गांव तारमखेड़ा स्थित सिद्ध हनुमान मंदिर है जहां भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण होती है।

ग्रामीणों के अनुसार वर्षो पहले बोरदा के किसी सूबेदार ने ग्राम तारमखेड़ा में हनुमान जी की तीन प्रतिमाएं बनवाई थी। दो प्रतिमाएं तो वे ले गए जो कुछ दूरी तक गई लेकिन तीसरी प्रतिमा को बोदागाडी और सांकलो से बांधकर ले जाने का लाख प्रयास किया लेकिन प्रतिमा को कोई हिला भी नहीं पाया तब से हनुमान जी की प्रतिमा यहीं पर है।

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पहले श्रद्धालुओं ने यहां छोटा मंदिर बनाया था लेकिन लगभग 15-16 साल पहले विशाल मंदिर बनाया गया है जहां प्रति शनिवार और मंगलवार को बैतूल के साथ ही होशंगाबाद जिले से सैंकड़ो श्रद्धालु दर्शन करने आते है। मंदिर के समीप ही पहाड़ी के नीचे और गांव में एक अन्य स्थान पर २ जल धाराए 24 घंटे 365 दिन अविरल बह रही है यह जल कहां से आ रहा है यह आज तक रहस्य बना हुआ है। यहां पहुंचने वाले श्रद्धालु इसे हनुमान जी का चमत्कार मानकर इस जल से स्नान करते है।

शाहपुर ब्लाक का अंतिम गांव है तारमखेड़ा | Hanuman Ji Ka Mandir

शाहपुर ब्लाक अंतर्गत आने वाली अंतिम ग्राम पंचायत खापा का अंतिम गांव तारमखेड़ा है। तारमखेड़ा के कुछ दूर आगे बैतूल जिले की सीमा समाप्त हो जाती है। इसके आगे अगला गांव बोरा है जो होशंगाबाद जिले में आता है। बैतूल जिला मुख्यालय से तारमखेड़ा की दूरी लगभग 90किमी है।

बैतूल से भौंरा कुप्पा, बरजोरपुर से ढोडरामऊ, ढाबरी होते हुए ग्राम तारमखेड़ा पहुंचा जा सकता है। वहीं चिचोली से मण्डई, घिसी बागला, कनारी, बीजादेही, बरजोरपुर, ढोडरामऊ, ढाबरी होते हुए भी तारमखेड़ा पहुंचा जा सकता है। चिचोली से तारमखेड़ा की दूरी लगभग ६५ किमी है।

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सूबेदार ने बनवाई थी तीन प्रतिमाएं | Hanuman Ji Ka Mandir

ग्राम पंचायत खापा के सरपंच राजा उइके ने बुजुर्गो के हवाले से बताया है कि वर्षो पहले बोरदा के सूबेदार ने उनके क्षेत्र में ले जाने हनुमान जी की तीन प्रतिमाएं बनवाई थी। तीन मूर्ति बनने के बाद उन्हें बोदागाड़ी से बोरदा ले जाना था। सूबेदार ने एक प्रतिमा बोदागाड़ी में रखकर तारमखेड़ा से ले गई। जो तारमखेड़ा से लगभग 7किमी दूर होशंगाबाद जिले के ग्राम साधपूरा तक गई वहीं दूसरी प्रतिमा होशंगाबाद जिले के ही सुखतवा तक जा पाई। उसके आगे नहीं बढऩे पर उन्हें वहीं स्थापित कर दिया गया।

सूबेदार और उसके कर्मचारी तीसरी प्रतिमा लेने तारखेड़ा आए लेकिन तमाम प्रयासों के बाद भी वे प्रतिमा को हिला तक नहीं पाए। इस दौरान सांकल से बांधने और बोदागाड़ी से खींचने के बाद भी जब प्रतिमा नहीं हिली तो वे प्रतिमा वहीं छोड़कर चले गए।

श्रद्धालुओं ने बनाया विशाल मंदिर | Hanuman Ji Ka Mandir

मंदिर में हनुमान जी की पूजा करने वाले ग्राम तारमखेड़ा निवासी कैलाश (पप्पू) उइके ने बताया कई साल पहले ग्रामीणों ने प्रतिमा के पास छोटा मंदिर बनाया था। उस समय प्रतिमा से मंदिर की छत बहुत दूर थी। लेकिन हनुमान जी की प्रतिमा अपने आप बढऩे लगी।

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लगभग 15-16 साल पहले हनुमान जी की प्रतिमा मंदिर की छत तक पहुंच गई। तब आसपास के गांव के श्रद्धालुओं और ग्रामवासियों ने मिलकर विशाल मंदिर बनवाया। गांव के बाहर जंगल किनारे बने इस मंदिर में प्रति शनिवार और मंगलवार को बैतूल और होशंगाबाद जिले के सैंकड़़ो श्रद्धालु दद्दा के दर्शन करने आते है। यहां आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रही है।

लगातार बह रही अविरल जलधारा | Hanuman Ji Ka Mandir

तारमखेड़ा हनुमान मंदिर के साइड में पहाड़ी से नीचे 24 घंटे 365 दिन अविरल जलधारा बहती है। यहां पहाड़ी से आने वाले जल के पास ग्रामीणों ने एक सीमेंट का टांका बनाकर पाइप लगा दिया है। जिससे पूरे समय पानी बहता है। इसके साथ ही मंदिर में लगभग 500 मीटर दूर प्लेन स्थान पर भी एक कुण्ड बना है जहां से पूरे समय पानी बहता है। कुण्ड के पास किसी भी प्रकार  का जलस्त्रोत नहीं है। इसके बावजूद लगातार पानी आना किसी चमत्कार से कम नहीं है।

ग्राम तारमखेड़ा निवासी शंभू यादव ने बताया यह पानी कहा से आता है किसी को नहीं पता हम तो इसे हनुमान जी का चमत्कार और मां ताप्ती की कृपा मानते है। इस पानी को एक बड़े गड्ढे में जमाकर आसपास के खेतों में इंजन से पानी ले जाया जाता है। लगातार इंजन चलने के बावजूद यहां कभी पानी खत्म नहीं होता। गावं की महिलाओं ने बताया यहां से निकलने वाला जल इतना साफ है कि सभी ग्रामीण यही जल पीते है।

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शनिवार-मंंगलवार रहती है श्रद्धालुओं की भीड़ | Hanuman Ji Ka Mandir

ग्राम तारमखेड़ा में प्रति शनिवार और मंगलवार को श्रद्धालुओं की भीड़ लग जाती है। यहां आसपास के गांव के साथ ही मलाजपुर, चिचोली, पाढर, भौंरा, शाहपुर, होशंगाबाद जिले के सुखतवा, केसला, इटारसी, सिवनी-मालवी सहित अन्य स्थानों से श्रद्धालु तारमखेड़ा मंदिर पहुंचते है। जहां पवित्र जलधारा में स्नान करने के बाद हनुमान जी की पूजा करते है।

रमणीक स्थान पर मंदिर होने से कई लोग परिवार सहित आकर पिकनिक भी मनाते है वहीं मनोकामना पूरी होने पर हलवा, खिचड़ी आदि का भंडारा भी करवाते है। शनिवार को मंदिर पहुंचे पाढर निवासी सुमीत मालवीय, मनोहरी उइके, मलाजपुर निवासी गब्बर मालवीय चिचोली निवासी पूर्व जनपद सदस्य अशोक कलमे ने बताया कि हमेशा मंदिर आते है यहां आकर आत्मिक शांति मिलती है वहीं मंदिर में मांगी गई सभी मनोकामना पूर्ण होती है।

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