बैतूल – पुलिस और उपद्रवियों के बीच हुआ विवाद इतना अधिक बढ़ गया कि देखते ही देखते जहां उपद्रवियों द्वारा पुलिस पर पत्थर फेंकना प्रारंभ कर दिया था वहीं पुलिस को भी भीड़ पर काबू पाने के लिए अश्रु गैस के गोले दागने पड़े। इसमें कई उपद्रव करने वाले घायल हो गए जिन्हें बाद में पुलिस ने ही अस्पताल पहुंचाया।
इस घटना में पुलिस ने कई उपद्रवियों को गिरफ्तार भी किया। दरअसल रविवार को पुलिस परेड मैदान पर एसपी सिमाला प्रसाद के निर्देशन में पुलिस और मजदूर संघ के बीच हुए इस घटनाक्रम को उपद्रव का रूप दिया गया था ताकि मार्कड्रील के माध्यम से पुलिसकर्मियों को भीड़ और बलवे से निपटने का प्रशिक्षण दिया जा सके।

मुख्यालय के निर्देश पर हुई मार्कड्रील
एसपी सिमाला प्रसाद ने बताया कि खरगोन दंगे और दिल्ली में हुए दंगे को देखते हुए पुलिस मुख्यालय से आदेश आए थे कि पुलिस दंगाईयों को कैसे नियंत्रण करें इसको लेकर पूरे प्रदेश में पुलिस की मार्कड्रील की गई। बैतूल में हुई मार्कड्रील में यह देखा गया है कि दंगाईयों से पुलिस कैसे निपटेगी? और पुलिस के पास क्या साधन है? मार्कड्रील के दौरान दो व्रज वाहन, लाठी, केन, बॉडीगार्ड, जाली, हेलमेट, आश्रु गैस गन सहित अन्य सामग्री का भी उपयोग किया गया।

यह थे मौजूद
मार्कड्रील के दौरान एडीशनल एसपी नीरज सोनी, डीएसपी अजाक विवेक गौतम, डीएसपी पल्लवी गौर, बैतूल एसडीओपी सृष्टि भार्गव, मुलताई एसडीओपी नम्रता सौंधिया, भैंसदेही एसडीओपी शिवचरण बोहित सहित सभी थानों के टीआई और पुलिस बल मौजूद था।
