Tooth Sensitivity: अगर ठंडा पानी पीते ही या गरम चाय पीते समय दांत में तेज झनझनाहट होती है, तो समझ लीजिए आप टूथ सेंसिटिविटी की परेशानी से जूझ रहे हैं। यह समस्या आजकल बहुत आम हो गई है। दांतों की ऊपरी परत यानी इनैमल कमजोर होने या मसूड़े हटने से यह दिक्कत शुरू होती है। अच्छी बात यह है कि कुछ घरेलू नुस्खों से इसे काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है।
दांत में झनझनाहट आखिर क्यों होती है?
दांतों के अंदर एक परत होती है जिसे डेंटिन कहते हैं। जब इनैमल घिस जाता है या मसूड़े पीछे हटते हैं, तो यह डेंटिन खुल जाता है। इसमें मौजूद नसें ठंडा, गरम या खट्टा लगते ही सिग्नल भेज देती हैं, जिससे तेज झटका या चुभन महसूस होती है। ज्यादा जोर से ब्रश करना, कैविटी, टूटे दांत और खट्टा खाने की आदत इसकी बड़ी वजहें हैं।
सरसों का तेल और नमक: पुराना देसी इलाज
सरसों के तेल में थोड़ा सा नमक मिलाकर रोज हल्के हाथ से मसाज करने से दांतों की झनझनाहट कम होती है। यह उपाय मसूड़ों को मजबूत करता है और दांतों की पकड़ बेहतर बनाता है। गांवों में यह नुस्खा आज भी बड़े काम का माना जाता है।
नारियल तेल से ऑयल पुलिंग करें
नारियल तेल से ऑयल पुलिंग करना दांतों के लिए बहुत फायदेमंद है। एक चम्मच नारियल तेल मुंह में डालकर 2–3 मिनट तक घुमाएं और फिर थूक दें। इससे दांतों की नसों को आराम मिलता है और झनझनाहट धीरे-धीरे कम होने लगती है।
लौंग और हल्दी का कमाल
लौंग का तेल दांत दर्द और झनझनाहट में रामबाण माना जाता है। रुई में थोड़ा सा लौंग तेल लेकर प्रभावित दांत पर लगाएं। वहीं हल्दी में मौजूद औषधीय गुण सूजन और बैक्टीरिया को कम करते हैं। हल्दी और सरसों के तेल का लेप भी फायदेमंद होता है।
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रोजमर्रा की आदतें बदलें, दांत खुद ठीक रहेंगे
दांतों की झनझनाहट से बचने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है:
- सेंसिटिविटी टूथपेस्ट का इस्तेमाल करें
- सॉफ्ट ब्रिसल वाला ब्रश लें
- बहुत गरम या बहुत ठंडा खाने-पीने से बचें
- खट्टा और सोडा कम करें
- गुनगुने पानी से कुल्ला करें






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