Search ई-पेपर ई-पेपर WhatsApp

क्या राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत से किया वादा तोड़ा? क्रिटिकल मिनरल्स पहल से भारत बाहर

By
On:

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एक फैसले ने भारत-अमेरिका रिश्तों में नई बहस छेड़ दी है। अमेरिका ने हाल ही में Critical Minerals Supply Chain Initiative की घोषणा की है, लेकिन हैरानी की बात यह है कि इस अहम पहल में भारत को शामिल नहीं किया गया। जबकि इसी साल भारत और अमेरिका के बीच क्रिटिकल मिनरल्स को लेकर बड़ा समझौता हुआ था।

क्या है Critical Minerals Supply Chain Initiative?

यह पहल अमेरिका ने चीन पर अपनी निर्भरता कम करने के लिए शुरू की है। क्रिटिकल मिनरल्स जैसे लिथियम, कोबाल्ट, निकल और रेयर अर्थ एलिमेंट्स आधुनिक तकनीक, इलेक्ट्रिक गाड़ियों और रक्षा क्षेत्र के लिए बेहद जरूरी हैं। इस योजना में अमेरिका ने अपने करीबी साझेदार देशों को शामिल किया है ताकि सप्लाई चेन मजबूत की जा सके।

Quad देशों में भारत को क्यों किया गया नजरअंदाज?

इस पहल में Quad के सदस्य जापान और ऑस्ट्रेलिया को जगह मिली, लेकिन भारत को बाहर रखा गया। यही नहीं, इस ग्रुप में दक्षिण कोरिया, सिंगापुर, नीदरलैंड्स, ब्रिटेन, इजरायल और UAE जैसे देश भी शामिल हैं। इससे सवाल उठ रहा है कि क्या अमेरिका Quad के अंदर ही असंतुलन पैदा कर रहा है?

हालिया भारत-अमेरिका समझौते का क्या हुआ?

कुछ ही समय पहले भारत और अमेरिका ने US-India Critical and Emerging Technology Initiative के तहत क्रिटिकल मिनरल्स पर द्विपक्षीय समझौता किया था। माना जा रहा था कि इससे दोनों देशों की रणनीतिक साझेदारी और मजबूत होगी। लेकिन नई अमेरिकी पहल में भारत को बाहर रखने से यह संदेश जा रहा है कि ट्रंप प्रशासन ने भारत को प्राथमिकता नहीं दी।

चीन को घेरने की कोशिश या भारत को नजरअंदाज?

इस पहल का मुख्य मकसद चीन पर निर्भरता घटाना है। ऐसे में भारत जैसे बड़े लोकतांत्रिक और रणनीतिक साझेदार को बाहर रखना कई विशेषज्ञों को समझ नहीं आ रहा। राजनीतिक जानकार मानते हैं कि यह फैसला भारत-अमेरिका कूटनीतिक रिश्तों को कमजोर कर सकता है।

Read Also:₹75,000 वाला Samsung फोन अब सिर्फ ₹39,999 में! Galaxy S24 पर जबरदस्त ऑफर

भारत की अपनी तैयारी: Critical Minerals Mission 2025

भारत ने भी इस चुनौती को गंभीरता से लिया है। साल 2025 में भारत ने Critical Minerals Mission लॉन्च की, जिसका लक्ष्य घरेलू और वैश्विक सप्लाई चेन को सुरक्षित करना है। सरकार का प्लान है कि 2030 तक 1,000 पेटेंट हासिल किए जाएं। इसके लिए 7 सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाए गए हैं और ₹1,500 करोड़ की इंसेंटिव स्कीम को मंजूरी दी गई है, ताकि रिसाइक्लिंग और एक्सट्रैक्शन क्षमता बढ़ाई जा सके।

For Feedback - feedback@example.com

2 thoughts on “क्या राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत से किया वादा तोड़ा? क्रिटिकल मिनरल्स पहल से भारत बाहर”

Comments are closed.

Home Icon Home E-Paper Icon E-Paper Facebook Icon Facebook Google News Icon Google News