IndiGo: देश की सबसे बड़ी एयरलाइन IndiGo इन दिनों तगड़े संकट से गुजर रही है। मंगलवार को एयरलाइन ने बेंगलुरु और हैदराबाद से जाने-आने वाली करीब 180 से ज़्यादा फ्लाइट्स रद्द कर दीं। हैदराबाद एयरपोर्ट से कुल 58 उड़ानें ठप रहीं, जिनमें 14 आगमन और 44 प्रस्थान वाली फ्लाइट्स शामिल थीं। बेंगलुरु एयरपोर्ट पर हालात और भी ख़राब रहे, जहां 121 उड़ानें रद्द करनी पड़ीं। इससे यात्रियों में जबरदस्त नाराज़गी देखने को मिली और एयरपोर्ट काउंटरों पर लंबी कतारें लग गईं।
दिल्ली IGI एयरपोर्ट पर भी भारी अव्यवस्था
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के Indira Gandhi International Airport (IGI) पर भी IndiGo की मुश्किलें कम नहीं हुईं। एयरलाइन को दिल्ली से ऑपरेट होने वाली 152 फ्लाइट्स रद्द करनी पड़ीं। पिछले आठ दिनों से इंडिगो की सेवाओं में लगातार बाधा चल रही है, जिससे देश-भर के यात्रियों की यात्रा योजनाएं गड़बड़ा गई हैं।
यह स्थिति तब और गंभीर हो गई जब नागरिक उड्डयन मंत्रालय और नियामक निकायों ने एयरलाइन को लेकर सख्त रुख अपनाना शुरू कर दिया।
DGCA का बड़ा एक्शन—फ्लाइट शेड्यूल में 5% की कटौती
नागरिक उड्डयन सुरक्षा नियामक DGCA ने मंगलवार को बड़ा कदम उठाते हुए IndiGo के विंटर शेड्यूल में 5% कटौती का आदेश जारी कर दिया।DGCA के मुताबिक, यह फैसला देशभर में लगातार हो रही फ्लाइट कैंसिलेशन और ऑपरेशनल गड़बड़ियों के चलते लिया गया है।नियामक ने IndiGo को बुधवार शाम 5 बजे तक संशोधित शेड्यूल जमा करने को कहा है।
इस कार्रवाई के बाद एयरलाइन अब हाई-डिमांड रूट्स पर भी कम उड़ानें चला पाएगी, जो उसके लिए एक तरह की “सज़ा” मानी जा रही है।
नागरिक उड्डयन मंत्री K. Rammohan Naidu ने भी कहा कि सरकार IndiGo के स्लॉट्स में कटौती ज़रूर करेगी।
मेट्रो शहरों में सबसे ज्यादा असर
Gurugram स्थित एयरलाइन इंडिगो देश के कुल घरेलू एयर ट्रैफिक का 65% से अधिक हिस्सा अपने पास रखती है। सोमवार को कंपनी ने केवल छह मेट्रो शहरों से ही 560 से ज्यादा फ्लाइट्स रद्द की थीं।IndiGo अभी देश-विदेश में रोज़ाना लगभग 2,200 उड़ानें संचालित करती है, जिनमें 90 घरेलू और 40 अंतरराष्ट्रीय गंतव्य शामिल हैं।लगातार कैंसिलेशन्स की वजह से यात्रियों के टिकट रिफंड, री-शेड्यूलिंग और कनेक्टिंग फ्लाइट्स भी गड़बड़ा गई हैं।
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कंपनी की मुश्किलें बढ़ीं, यात्रियों को राहत कब?
लगातार आठ दिनों से जारी इस ऑपरेशनल संकट ने IndiGo की विश्वसनीयता पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। DGCA के एक्शन के बाद एयरलाइन को अब अपने पूरे नेटवर्क की पुनर्रचना करनी पड़ेगीयात्रियों को उम्मीद है कि सरकार और DGCA के हस्तक्षेप के बाद जल्द ही स्थिति में सुधार होगा, लेकिन फिलहाल एयरलाइन की परेशानियाँ बढ़ती ही दिख रही हैं और यात्रियों को अपनी यात्रा योजनाएं बदलने पर मजबूर होना पड़ रहा है।





