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शाहिद कबाड़ी डकार गया सरकारी नाला इतने सालों में प्रशासन क्यो मौन है
आठनेर क्षेत्र के पुराने बस स्टैंड के पास में शाहिद कबाड्डी ने सरकारी नाले की जमीन पर पक्का अतिक्रमण कर कब्जा कर लिया है परंतु प्रशासन आखिर क्या वजह है जो आज भी मौन बैठा है आखिर शाहिद कबड्डी पर क्यों करवाई नहीं करना चाहता है बरसात के समय पानी निकासी में भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है नाले पर अतिक्रमण होने के कारण पानी निकालने के लिए कोई जगह नहीं बची है इसलिए नाले का गंदा पानी रोड पर बहता है आने जाने वाले राहगीरों को भी दिक्कत का सामना करना पड़ता है आखिर शाहिद कबड्डी द्वारा किया गया अतिक्रमण से कब निजात मिलेगी नगर परिषद को भी इसकी सूचना कई बार दे दी गई है किंतु आज तक के किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की गई है पटवारी के भी संज्ञान में लाने के बाद आज तक मौके स्थल पर नहीं गए ना ही किसी प्रकार की कोई जांच की गई ऐसा लगता है कि शाहिद कबड्डी के ऊपर कोई भी प्रशासनिक अधिकारी कोई कार्यवाही नहीं करना चाहता है जबकि रकबा है 500 तो 3000 से। ज्यादा में।पक्का निर्माण कैसे कर लिया गया कुछ वर्षों पहले इसी नाले में 2 लोगों की बहने से मौत हो गई थी यहां बड़ा सोचनीय विषय है आप देख सकते हैं कि नगर परिषद द्वारा लाखों रुपए खर्च कर नाले में कॉटन वॉल भी खड़ी की गई किंतु उन्होंने कॉटन वॉल पर भी किसी प्रकार का कब्जा नहीं छोड़ा बड़ा नाला धीरे-धीरे छोटा होते जा रहा है तो बारिश में पानी का बहाव कहा जायेगा
नाले से कितने मीटर दूर होना चाहिए निर्माण
नालों से 9 मीटर दूरी के अंदर के निर्माण को माना जाता है अतिक्रमण
टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग की गाइड लाइन के मुताबिक चाहे नई कालोनी का निर्माण करना हो या किसी अन्य प्रकार का निर्माण करना हो। शहरी इलाके में मेन नालों से 9 मीटर दूर निर्माण किया जाना चाहिए। इससे पहले यदि निर्माण किया जाता है तो उसे अतिक्रमण की श्रेणी में माना जाता है।
इनका कहना है
इस मामले को लेकर टीम गठित कर जांच की जाएगी
सीएमओ करूं सिंह उईके





