Thyroid Imbalance Symptoms in Hindi: आजकल थायराइड की समस्या आम हो गई है। यह एक छोटी सी ग्रंथि होती है जो गले के नीचे स्थित होती है, लेकिन इसका असर पूरे शरीर पर पड़ता है। जब यह ग्रंथि असंतुलित होती है, तो शरीर के कई हिस्सों में बदलाव दिखने लगते हैं। थायराइड शरीर के मेटाबॉलिज्म, एनर्जी और हार्मोनल बैलेंस को नियंत्रित करता है। अगर इसका स्तर बिगड़ जाए तो कई तरह की परेशानियां सामने आने लगती हैं।
थायराइड क्या है और क्यों होता है असंतुलन
थायराइड ग्रंथि शरीर में टी3 (T3) और टी4 (T4) हार्मोन बनाती है। ये हार्मोन हमारे मेटाबॉलिज्म, एनर्जी लेवल और टेंपरेचर को नियंत्रित करते हैं।
थायराइड के दो मुख्य प्रकार हैं –
हाइपरथायराइडिज्म (Hyperthyroidism) जिसमें ग्रंथि ज्यादा हार्मोन बनाती है।
हाइपोथायराइडिज्म (Hypothyroidism) जिसमें हार्मोन की मात्रा कम बनती है।
दोनों स्थितियों में शरीर में थकान, वजन में बदलाव, स्किन और आंखों में परिवर्तन जैसे लक्षण दिखने लगते हैं।
थायराइड असंतुलन के 7 चेतावनी संकेत
- लगातार थकान महसूस होना: चाहे आप पूरा दिन आराम कर लें, फिर भी शरीर थका हुआ लगता है। यह थायराइड असंतुलन का सबसे आम लक्षण है।
- वजन में बदलाव: हाइपरथायराइडिज्म में वजन कम होता है जबकि हाइपोथायराइडिज्म में वजन बढ़ जाता है।
- दृष्टि में परेशानी: आंखों में सूजन, धुंधला दिखना या जलन महसूस होना थायराइड से जुड़ा लक्षण हो सकता है।
- टेंपरेचर सेंसिटिविटी: अगर आपको ज्यादा ठंड या ज्यादा गर्मी महसूस होती है, तो यह भी थायराइड का संकेत हो सकता है।
- स्किन में बदलाव: स्किन का रंग बदलना, अत्यधिक ड्राइनेस या बार-बार पसीना आना थायराइड के कारण हो सकता है।
- बाल झड़ना या पतले होना: थायराइड असंतुलन बालों की ग्रोथ को प्रभावित करता है, जिससे बाल टूटने और झड़ने लगते हैं।
- नींद की दिक्कत: रात में बार-बार नींद खुलना, पसीना आना या नींद न आना भी इस समस्या का हिस्सा है।
आंखों और स्किन से पहचानें थायराइड के लक्षण
थायराइड असंतुलन होने पर आंखों के आसपास सूजन आ सकती है या आंखें उभरी हुई लग सकती हैं।
स्किन का टेक्सचर भी बदल जाता है — कभी बहुत सूखी तो कभी चिपचिपी महसूस होती है।
होंठ और चेहरा फीका पड़ सकता है या हल्की सूजन दिख सकती है।
थायराइड असंतुलन से बचाव और इलाज
जैसे ही थायराइड के लक्षण दिखाई दें, तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
थायराइड की दवा समय पर लें और डाइट पर ध्यान दें।
आयोडीन युक्त नमक, हरी सब्जियां, फल, और साबुत अनाज को आहार में शामिल करें।
ज्यादा प्रोसेस्ड फूड और जंक फूड से बचें।
रोज़ाना हल्की एक्सरसाइज करें और तनाव कम करने के लिए मेडिटेशन या योग का सहारा लें।





