Silver Gold Rates: चांदी की कीमतें अपने रिकॉर्ड हाई के बाद अब 21 प्रतिशत तक गिर गई हैं। शुक्रवार को चांदी की कीमत लगभग तीस हजार रुपए गिरकर प्रति किलोग्राम एक लाख सैंतालीस हजार रुपए पर आ गई। बुलियन ट्रेडर्स का कहना है कि अमेरिका और चीन से लंदन में चांदी की बड़ी आपूर्ति ने कीमतों को कम करने में मदद की है।
लंदन बाजार का असर
लंदन का बुलियन मार्केट दुनिया का प्रमुख शारीरिक चांदी ट्रेडिंग हब है। जब लंदन में भौतिक चांदी की आपूर्ति बढ़ती है, तो इसका सीधा असर भारतीय बाजार पर भी पड़ता है। विशेषज्ञों के अनुसार, भारत में चांदी की कीमत 14 अक्टूबर को प्रति किलोग्राम एक लाख अड़हत्तर हजार रुपए के रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच गई थी, क्योंकि लंदन में भौतिक भंडार की कमी थी।
चांदी महंगी क्यों हो रही थी
इस साल चांदी की कीमतों में तेजी का मुख्य कारण औद्योगिक मांग में बढ़ोतरी रही। सोलर एनर्जी, इलेक्ट्रिक वाहन, 5G उपकरण और AI हार्डवेयर जैसे क्षेत्रों में चांदी की मांग बढ़ी। वहीं, खनन में कमी और सीमित रीसाइक्लिंग ने डिलीवरी को कठिन बना दिया था।
Read also:FATF ने पाकिस्तान को दी सख्त चेतावनी: ग्रे लिस्ट से बाहर होना मतलब आतंक को बढ़ावा देना नहीं
चांदी सामान्यीकरण की ओर
निप्पॉन इंडिया म्यूचुअल फंड के कमोडिटी हेड विक्रम धवन के अनुसार, अल्पकालिक निवेशक अपने निवेश को फिर से समायोजित कर रहे हैं। वहीं, केंद्रीय बैंक और लंबे समय तक निवेश करने वाले निवेशक इस गिरावट को कीमतों के सामान्यीकरण की प्रक्रिया मान सकते हैं।
सोने की कीमतों में गिरावट
सोने की कीमतें भी पिछले सप्ताह गिर गईं। रिकॉर्ड हाई के बाद सोना 10 ग्राम पर ₹9,875 कम होकर ₹1,22,419 पर आ गया। विशेषज्ञों का कहना है कि सोने की कीमतों में गिरावट का मुख्य कारण अल्पकालिक बिक्री और अमेरिकी डॉलर की मजबूती है। धनतेरस पर भारतीय ग्राहकों ने सोने और चांदी की बड़ी खरीदारी की, जिसमें कई लोगों ने गोल्ड और सिल्वर ETF में निवेश करना चुना।





