जानबूझकर भोले को दिया गलत चैक
शब्दों और अंकों में दो शून्य का फेर और 35 राशि की राशि हुई 35 हजार
खबरवाणी न्यूज, बैतूल
किसान सावन्या भोले से राधे इंटरप्राइजेस पंजीयन क्रमांक 01/06/01/0219 जिसमें यशवंत उर्फ मुन्ना मानकर एवं अनूप अग्रवाल दो साझेदारों ने कुल 10.22 एकड़ जमीन 3 टुकड़ों में खरीदी, जिसमें से पहली रजिस्ट्री 2.22 एकड़ की, दूसरी 3.56 एकड़ की और चौथी 4.44 एकड़ की करवाई गई है। वर्तमान में इस भूमि का बाजार मूल्य प्रति एकड़ लगभग पौने दो करोड़ रुपए है और क्रेता द्वारा इस पूरी जमीन का मूल्य लगभग साढ़े 5 करोड़ में खरीदी गई।
किसान के अनुसार उसके परिवार में पत्नी की बीमारी और अन्य खर्चों की पूर्ति के लिए उसने दो एकड़ बेचने का निर्णय लिया था जिसकी सबसे पहले रजिस्ट्री भी कर दी गई। हालांकि इस जमीन के सौदे में शुभम और राजू नामक दो दलालों ने लगभग एक करोड़ रुपए और एक वकील के नाम पर 16 लाख रुपए इस अनपढ़ किसान से हड़प लिए। जिसके संदर्भ में पुलिस समेत अन्य विभागों में लगभग 8 माह पूर्व शिकायत दर्ज की जा चुकी है पर अब तक दोनों दलाल पुलिस के शिकंजे से दूर हैं। प्राप्त जानकारी के अुनसार करबला से बडोरा मंडी के लिए प्रस्तावित नई सडक़ इसी जमीन से होकर निकलने वाली है, जैसे ही इस रोड का निर्माण होगा इस जमीन का मूल्य और कई गुना बढ़ जाएगा। यह भी इस जमीन को ऐनकेन प्रकारेण लेने का बड़ा कारण है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार दो एकड़ जमीन सावन्या भोले ने स्वयं खरीदी थी जिसे वह राधे इंटरप्राइजेस को बेच चुका है और बाकी 8 एकड़ जमीन पुश्तैनी होने के कारण इसमें उसके दोनों पुत्र और चार बेटियों का भी हिस्सा बनता है इसकी जानकारी भी खरीददार को थी, बावजूद इसके आनन फानन में जमीन की रजिस्ट्री करवा ली गई।
इस चैक से होगी रजिस्ट्री...?
करोड़ों का व्यापार करने वाले कॉलोनाईजर ने जब बडोरा की जमीन सावन्या भोले से खरीदी तो इस जमीन की रजिस्ट्री के लिए भुगतान 18 लाख रुपए आरटीजीएस के माध्यम से बैंक ऑफ महाराष्ट्र के द्वारा 13/12/2024 को किया गया। बाकी राशि का भुगतान पोस्ट डेटेड चैक के माध्यम से करना तय हुआ। जिसमें पहला चैक 007388 राशि 33 लाख रुपए 30/03/2026, दूसरा चैक 007389 राशि 35 लाख रुपए 30/04/2026, चौथा चैक क्रमांक 007390, 30 लाख रुपए दिनांक 30/05/2026 एवं अंतिम चैक 007391 राशि 35 लाख रुपए 30/06/2026 को देना तय हुआ। पर जानबूझकर अंतिम चैक में अंकों में राशि 35 लाख और शब्दों में राशि हजार लिखी गई। क्या कोई पढ़ा लिखा व्यापारी इस तरह की गलती अनजाने में कर सकता है यह गलती यदि किसान सावन्या भोले द्वारा की गई होती तो भी समझी जा सकती थी कि वह व्यक्ति पढ़ा लिखा नहीं है साथ ही उम्र 85 वर्ष होने के कारण दृष्टिदोष इतना है कि बमुश्किल सामने खड़े व्यक्ति को देख पाता है तो किसी दस्तावेज को देखना या समझना उसके लिए संभव नहीं है। वैसे भी संपपत्ति पंजीयन के दस्तावेज की भाषा काफी हद तक कानूनी होती है, इसलिए सामान्य ज्ञान वाला व्यक्ति भी बहुत आसानी से नहीं समझ सकता तो अनपढ़ किसान के लिए यह और भी मुश्किल है।





