बॉलीवुड के मशहूर कॉमेडियन और अभिनेता गोवर्धन आसरणी अब इस दुनिया में नहीं रहे। लेकिन सबसे हैरान करने वाली बात यह रही कि उनका अंतिम संस्कार बिना किसी को बताए कर दिया गया। जब उनके निधन की खबर सामने आई, तब तक उनका दाह संस्कार भी पूरा हो चुका था। सोमवार दोपहर मुंबई के जुहू स्थित आरोग्य निधि अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली। उस वक्त उनकी पत्नी मंजू, बहन और भांजा वहां मौजूद थे।
पत्नी मंजू ने बताई चुपचाप अंतिम संस्कार की वजह
आसरणी की पत्नी मंजू ने बताया कि यह सब उनके पति की आखिरी इच्छा के अनुसार किया गया। मंजू के अनुसार, आसरणी नहीं चाहते थे कि उनके निधन की खबर से कोई हंगामा मचे या मीडिया के बीच हलचल हो। उन्होंने खुद ही पत्नी से कहा था कि “मेरे जाने के बाद किसी को खबर मत देना, सब शांति से हो जाए।” इसलिए बिना किसी को सूचना दिए अंतिम संस्कार किया गया।
दिवाली के दिन आसरणी का जाना बना बड़ा झटका
दिवाली जैसे खुशी के मौके पर आसरणी के निधन की खबर ने पूरे बॉलीवुड को झकझोर दिया। ऐसा माना जा रहा है कि आसरणी को पहले से अंदेशा था कि दिवाली के दिन कुछ अनहोनी हो सकती है, इसलिए उन्होंने पहले ही साफ कर दिया था कि उनके जाने की खबर किसी को न दी जाए ताकि लोगों का त्योहार खराब न हो।
सादगी से भरी थी आसरणी की जिंदगी
आसरणी का जीवन हमेशा सादगी और विनम्रता से भरा रहा। वे कभी दिखावे या ग्लैमर के पीछे नहीं भागे। अपने अंतिम समय में भी उन्होंने यही सादगी बनाए रखी। मंजू ने बताया कि “आसरणी हमेशा कहते थे कि इंसान को जैसा जीना चाहिए, वैसा ही जाना चाहिए — बिना किसी शोरगुल के।” उनके इस स्वभाव ने ही उन्हें फिल्म इंडस्ट्री का सबसे प्यारा चेहरा बनाया।
आसरणी का फिल्मी सफर और यादगार किरदार
1941 में जयपुर में जन्मे आसरणी का परिवार सिंधी मूल का था, जो विभाजन के बाद राजस्थान में बस गया था। उन्होंने 1960 के दशक में अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की और 1970 के दशक में सुपरहिट कॉमेडियन बन गए।
उनकी मशहूर फिल्मों में ‘मेरे अपने,’ ‘बावर्ची,’ ‘कोशिश,’ ‘परिचय,’ ‘छोटी सी बात,’ ‘रफू चक्कर,’ ‘चुपके चुपके,’ जैसी फिल्में शामिल हैं। इसके अलावा उन्होंने ‘धमाल,’ ‘भूल भुलैया,’ ‘ऑल द बेस्ट,’ ‘वेलकम,’ ‘र…राजकुमार,’ और ‘बंटी और बबली 2’ जैसी नई फिल्मों में भी अपने हास्य से दर्शकों को खूब हंसाया।
आसरणी की विरासत अमर रहेगी
आसरणी ने अपने अभिनय से हिंदी सिनेमा को एक अलग पहचान दी। उनकी कॉमिक टाइमिंग और संवाद अदायगी आज भी दर्शकों के दिलों में बसी है। दिवाली के दिन उनका जाना पूरे देश के लिए एक गहरा नुकसान है, लेकिन उनकी सादगी और हंसी हमेशा याद की जाएगी।






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