अफगानिस्तान के विदेश मंत्री के भारत दौरे के दौरान एक अहम मुलाकात उत्तर प्रदेश के देवबंद में हुई। दारुल उलूम देवबंद में जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी और अफगान विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी के बीच यह मुलाकात चर्चा का विषय बन गई। बैठक के बाद मौलाना मदनी ने कहा कि अब अफगानिस्तान से कोई आतंकी भारत नहीं आएगा, जिससे दोनों देशों के रिश्ते और मजबूत होंगे।
देवबंद पहुंचे अफगान विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी
अफगान विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी इन दिनों भारत दौरे पर हैं। दिल्ली में भारतीय विदेश मंत्री समेत कई अधिकारियों से मुलाकात के बाद वे उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के देवबंद पहुंचे। यहां उन्होंने दारुल उलूम का दौरा किया और मौलाना अरशद मदनी से मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं ने ऐतिहासिक और धार्मिक संबंधों पर विस्तार से चर्चा की।
मौलाना मदनी बोले – अफगानिस्तान ने स्वतंत्रता के लिए दी बड़ी कुर्बानी
मौलाना अरशद मदनी ने बताया कि उन्होंने अफगान विदेश मंत्री से कहा, “हमारा रिश्ता केवल शिक्षा का नहीं बल्कि ऐतिहासिक है। भारत की आज़ादी के संघर्ष में अफगानिस्तान ने बड़ी भूमिका निभाई थी। हमारे पूर्वजों ने भारत की आज़ादी के लिए अफगान भूमि को चुना था। आपने भी अमेरिका और रूस जैसी शक्तियों को हराकर अपनी आज़ादी हासिल की। यह संबंध आज भी हमारी विरासत हैं।”
अब अफगानिस्तान से नहीं आएंगे आतंकवादी
मौलाना मदनी ने कहा कि इस बैठक के दौरान दोनों देशों के बीच सौहार्द बढ़ाने पर सहमति बनी है। उन्होंने बताया, “भारत की तरफ से कई बार यह शिकायत रही है कि अफगानिस्तान से आतंकवादी भारत में घुसपैठ करते हैं। लेकिन अब यह साफ हो गया है कि अफगानिस्तान की जमीन भारत विरोधी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल नहीं होगी। कोई आतंकी अब अफगानिस्तान से भारत नहीं आएगा।”
मुत्ताकी ने जताया भारत के प्रति आभार
अफगान विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी ने देवबंद में मिले गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, “मैं यहां मिले सम्मान और प्यार के लिए आभारी हूं। भारत और अफगानिस्तान के रिश्ते अब और मजबूत होंगे। हम जल्द ही नए राजनयिकों को भेजेंगे और चाहते हैं कि आप भी काबुल आएं। दिल्ली में मिले शानदार स्वागत के बाद हम भविष्य में और भी मुलाकातों की उम्मीद करते हैं।”
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भारत-अफगान रिश्तों में नई शुरुआत
देवबंद की यह मुलाकात भारत और अफगानिस्तान के बीच धार्मिक और सांस्कृतिक रिश्तों को नई दिशा देती दिख रही है। मौलाना मदनी का यह बयान कि “अब कोई आतंकी अफगानिस्तान से भारत नहीं आएगा” दोनों देशों के बीच भरोसे को और मजबूत बनाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम दक्षिण एशिया में शांति और स्थिरता की दिशा में एक बड़ा संकेत है।