India-US Relations: नई दिल्ली में गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर के बीच अहम बैठक हुई। इस बैठक में खालिस्तानी उग्रवाद के मुद्दे पर विस्तार से चर्चा की गई। भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि पीएम मोदी ने साफ शब्दों में कहा कि लोकतांत्रिक समाजों में उग्रवाद और हिंसक चरमपंथ के लिए कोई जगह नहीं है।
खालिस्तानी उग्रवाद पर भारत की सख्त नीति
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि बैठक के दौरान पीएम मोदी ने जोर देकर कहा कि उग्रवाद और हिंसक गतिविधियों को लोकतांत्रिक स्वतंत्रता का दुरुपयोग करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि दोनों देशों को अपने कानूनी ढांचे के तहत ऐसे तत्वों के खिलाफ सख्त कदम उठाने चाहिए। यह बयान उस समय आया है जब विदेशों में खालिस्तानी संगठनों की गतिविधियों पर भारत लगातार चिंता जताता रहा है।
ब्रिटिश पीएम का भारत दौरा और व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर इस बार 125 प्रमुख उद्योगपतियों, उद्यमियों और शिक्षाविदों के बड़े प्रतिनिधिमंडल के साथ भारत आए हैं। प्रधानमंत्री बनने के बाद यह उनका पहला भारत दौरा है। यह दौरा न केवल राजनीतिक बल्कि आर्थिक दृष्टि से भी बेहद अहम माना जा रहा है, क्योंकि दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश को लेकर बड़ी उम्मीदें हैं।
भारत को मिला ब्रिटेन का समर्थन और FTA पर प्रगति
विदेश सचिव मिस्री ने बताया कि ब्रिटेन ने भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता के लिए अपना समर्थन दिया है। यह भारत की वैश्विक स्थिति को और मजबूत करेगा। इसके साथ ही भारत-ब्रिटेन के बीच मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर भी बातचीत आगे बढ़ी है। मिस्री ने कहा कि यह समझौता भारत के “विकसित भारत” के विजन को समर्थन देगा और युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा करेगा।
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भारत और ब्रिटेन प्राकृतिक साझेदार हैं” – पीएम मोदी
बैठक के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत और ब्रिटेन “प्राकृतिक साझेदार” हैं। दोनों देशों का रिश्ता लोकतंत्र, आज़ादी और कानून के शासन जैसी साझा मूल्यों पर टिका है। पीएम मोदी ने कहा कि वैश्विक अनिश्चितता के इस दौर में भारत-ब्रिटेन की साझेदारी वैश्विक स्थिरता और आर्थिक प्रगति का एक मजबूत स्तंभ है।
दोनों नेताओं ने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र, पश्चिम एशिया में शांति और यूक्रेन संघर्ष पर भी विचार-विमर्श किया। पीएम मोदी ने कहा कि भारत हमेशा संवाद और कूटनीति के माध्यम से शांति बहाली के प्रयासों का समर्थन करता है।
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