वॉशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को भारत पर भारी आयात शुल्क (टैरिफ) लगाने के फैसले के बाद देश के भीतर ही कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। अमेरिका के कई सांसदों ने राष्ट्रपति ट्रंप को एक पत्र लिखकर भारत के साथ द्विपक्षीय रिश्तों को सुधारने की अपील की है। इन सांसदों का कहना है कि हाल ही में लगाए गए टैरिफ ने दोनों देशों के आर्थिक और रणनीतिक संबंधों को नुकसान पहुंचाया है।
भारत पर भारी टैरिफ से बिगड़े रिश्ते
अमेरिकी सांसदों ने अपने पत्र में लिखा कि अगस्त के अंत में भारत से आने वाले कई सामानों पर 50% तक का अतिरिक्त टैरिफ लगा दिया गया, जबकि पहले से ही 25% शुल्क लागू था। इससे भारतीय निर्माताओं को भारी नुकसान हुआ है, वहीं अमेरिकी उपभोक्ताओं को महंगे उत्पाद खरीदने पड़े। उन्होंने कहा कि यह नीतियां न सिर्फ व्यापारिक संबंधों को बल्कि रणनीतिक साझेदारी को भी कमजोर कर रही हैं।
भारतीय मूल के सांसद भी सामने आए
इस पत्र पर 19 अमेरिकी सांसदों ने हस्ताक्षर किए हैं, जिनमें देबोरा के. रॉस, रो खन्ना, ब्रैड शेरमैन, राजा कृष्णमूर्ति, प्रमिला जयपाल और फ्रैंक पलोन जूनियर जैसे सांसद शामिल हैं। खास बात यह है कि इन सांसदों के निर्वाचन क्षेत्रों में भारतीय मूल की आबादी बड़ी संख्या में है। इन सांसदों ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच गहरे सांस्कृतिक, पारिवारिक और आर्थिक संबंध हैं, जिन्हें इस तरह की नीतियों से नुकसान पहुंच रहा है।
भारत रूस और चीन के साथ आ सकता है
सांसदों ने चेतावनी दी कि अगर अमेरिका ने अपनी टैरिफ नीति पर पुनर्विचार नहीं किया, तो भारत चीन और रूस जैसे देशों के करीब जा सकता है, जिससे अमेरिका की रणनीतिक स्थिति कमजोर हो जाएगी। उन्होंने कहा कि भारत इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में स्थिरता का प्रतीक है और क्वाड समूह (अमेरिका, भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया) का एक अहम सदस्य है। इस कारण, दोनों देशों का सहयोग लोकतांत्रिक मूल्यों और स्वतंत्र समाजों की सफलता का उदाहरण है।
ट्रंप प्रशासन से की नीति की समीक्षा की मांग
सांसदों ने ट्रंप प्रशासन से टैरिफ नीति की समीक्षा करने और भारत के नेतृत्व के साथ निरंतर संवाद बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच आर्थिक साझेदारी दोनों देशों के लिए जरूरी है। अमेरिका की हेल्थकेयर, ऊर्जा और सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री भारत पर निर्भर हैं, वहीं भारत के निवेश से अमेरिका में रोजगार सृजन हुआ है।
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भारत-अमेरिका रिश्तों में फिर से गर्मजोशी की उम्मीद
इस चिट्ठी के बाद उम्मीद की जा रही है कि भारत-अमेरिका संबंधों में फिर से सुधार देखने को मिलेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर अमेरिका अपनी नीतियों में संतुलन लाता है, तो दोनों देशों के बीच व्यापार, निवेश और रक्षा क्षेत्र में सहयोग और मजबूत होगा।