Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले सूबे की राजनीति में हलचल तेज़ हो गई है। जहां एक ओर महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर तेजस्वी यादव सभी दलों को साधने में लगे हैं, वहीं NDA खेमे में भी अंदरूनी खींचतान खुलकर सामने आने लगी है। खासकर लोजपा (रामविलास) प्रमुख चिराग पासवान और हम (HAM) अध्यक्ष जीतनराम मांझी दोनों ही सीटों को लेकर असंतोष जता रहे हैं।
NDA में बढ़ी नाराज़गी, चिराग पासवान के तेवर सख्त
NDA के सहयोगी दलों में इस समय सबसे ज़्यादा चर्चा चिराग पासवान की नाराज़गी को लेकर है। सूत्रों के मुताबिक, चिराग पासवान बीजेपी और जेडीयू द्वारा दी जा रही सीटों की संख्या से खुश नहीं हैं। हालांकि उन्होंने अभी तक सार्वजनिक तौर पर कुछ नहीं कहा है, लेकिन उनके हालिया सोशल मीडिया पोस्ट ने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है।
चिराग पासवान का इमोशनल पोस्ट
चिराग पासवान ने सोशल मीडिया पर पिता रामविलास पासवान को याद करते हुए लिखा — “पापा कहते थे, अपराध सहना मत, अपराध करना मत। अगर जीना है तो मरना सीखो, हर कदम पर लड़ना सीखो।” चिराग का यह पोस्ट सिर्फ पिता की याद है या इसके पीछे कोई राजनीतिक संदेश छिपा है, इस पर अब सियासी चर्चाएँ तेज़ हैं। कई जानकार इसे NDA के भीतर BJP और JDU के लिए एक संकेत मान रहे हैं।
मांझी का अल्टीमेटम – नहीं बनी बात तो लड़ेंगे अकेले
इधर, हम पार्टी के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने भी नाराज़गी जताते हुए कहा कि यदि सम्मानजनक सीटें नहीं दी गईं तो वे अकेले चुनाव लड़ने को तैयार हैं। उन्होंने कहा – “अगर न्याय है तो आधा दो, अगर बाधा है तो 15 ग्राम दो, ज़मीन अपनी रखो।” मांझी का यह बयान स्पष्ट रूप से BJP और JDU पर दबाव बनाने की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है।
महागठबंधन में भी खींचतान
दूसरी ओर, महागठबंधन में भी स्थिति बहुत बेहतर नहीं है। तेजस्वी यादव लगातार कांग्रेस और वामदलों के नेताओं से बातचीत कर रहे हैं ताकि सीटों को लेकर कोई विवाद न हो। लेकिन अंदरखाने यह खबर है कि कुछ छोटे दल बड़ी संख्या में सीटें मांग रहे हैं।
चुनाव से पहले राजनीतिक समीकरण बदलने के आसार
बिहार की राजनीति में सीट बंटवारे को लेकर जो घमासान मचा हुआ है, उससे यह साफ हो गया है कि आने वाले दिनों में कई बड़े राजनीतिक फेरबदल देखने को मिल सकते हैं। NDA और महागठबंधन, दोनों के भीतर असंतोष की लहर यह संकेत दे रही है कि चुनाव से पहले गठबंधन टूटने या नए समीकरण बनने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।