खबरवाणी बैतूल
रात 11 बजे से सरकारी जमीन पर अवैध खनन
बिजली खंभों के पास हुई खुदाई से हवा में झूल रहे पोल
बिजली विभाग को नहीं पता कि उनकी जमीन पर हो रहा अवैध उत्खनन
पीयूष भार्गव, मुलताई
रात 11 बजे के बाद मासोद रोड पर जेसीबी और डंपरों का कारवां अवैध उत्खनन के लिए निकलता है। खनन माफिया के अवैध उत्खनन बानगी यह है कि बिजली विभाग की हाईटेंशन लाइन के खंभे जिन्हें जमीन में कई फिट गहरा खोदकर सीमेंट और कांक्रीट से मजबूत किया जाता है उन खंभों की स्थिति यह है कि वह हवा में झूल रहे हैं जो किसी भी दिन बड़ी दुर्घटना का सबब बन सकते हैं।
सूत्र बताते हैं कि यह खनन संदीप कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा किया जा रहा है। खबरवाणी की टीम ने जब मौके पर जायजा लिया तो जानकारी प्राप्त हुई जेसीबी मशीन से खनन कर डंपर क्रमांक एमपी 48 एच 5511 सहित लगभग आधा दर्जन डंपरों से मुरुम का परिवहन किया जा रहा है। मासोद रोड पर ब्रिज के पास पुलिस एवं अन्य शासकीय कर्मचारियों पर नजर रखने के लिए एक व्यक्ति को निगरानी पर खड़ा किया जाता है जो प्रत्येक वाहन को देखकर खनन स्थल पर मौजूद लोगों को मोबाइल के माध्यम से खबर करता है। जिसकी खबर के बाद डंपर मौके पर भरते है और अपने गतंव्य की ओर बढ़ते हंै। यदि डंपर ड्राईवर को यह एहसास होता है कि कोई पीछा कर रहा है तो डंपर ड्राइवर उक्त माल को कही भी खाली कर मौके से भाग जाता है।
पीछा करने पर स्कूल के पास माल खाली कर भागा ड्राईवर
अवैध खनन पर नजर रखने के लिए हमारी टीम द्वारा जब मौके पर डंपर का पीछा करना चालु किया जिसका एहसास डंपर ड्राईवर को होने पर वह परमंडल तक अपना डंपर लेकर गया, जिसके बाद वह वापस थावरिया स्थित एक निजी स्कूल के पास पहुंचा और डंपर खाली कर दिया।
जिस पर हमारे संवाददाता द्वारा उक्त डंपर ड्राइवर से पूछा की डंपर किसका है तो उसने बताया कि डंपर संदीप गुजरे का है आप यहीं रुको वह आ रहे हैं, वही आपको जानकारी दे देंगे और वहां से डंपर लेकर भाग गया। डंपर पर संदीप कंस्ट्रक्शन का नाम भी लिखा हुआ था। इस संबध में जब बिजली विभाग से संपर्क साधा गया तो अस्टिेंट इंजीनियर सुमित सोनी के अनुसार खनन वाली जमीन हमारे विभाग की नहीं है, ऐसा उन्हें रायआमला डिविजनल इंजीनियर द्वारा बताया गया जिस पर खबरवाणी संवाददाता द्वारा राजस्व खसरों की जानकारी देते हुए राजस्व विभाग के पटवारी से बात करवाई गई जिसके बाद बिजली विभाग के अधिकारी द्वारा कहा गया कि मैं कल मौके पर पहुंचकर निरीक्षण करता हूं और यदि विभाग की भूमि में खनन पाया गया तो इसकी जानकारी पुलिस और खनिज विभाग को दी जाएगी। उक्त भूमि का खसरा नंबर 48 एवं रकबा 1.117 हेक्टेयर है।
अधिकारी नहीं कर रहे कार्रवाई, माफिया के हौसले बुलंद
इस संबध में खबरवाणी द्वारा जब खनिज निरीक्षक वीरेन्द्र वशिष्ठ को यह जानकारी दी गई तो उन्होने कहा मैं मौके पर पहुंचकर देखता हूं, लेकिन मुझे इसकी जानकारी नहीं है। लंबे समय से चल रहे इस अवैध उत्खनन पर कोई कार्रवाई नहीं होना खनिज विभाग, बिजली विभाग और राजस्व विभाग की मिलीभगत को साफ तौर पर दर्शाता है वर्ना इतने लंबे समय तक और इतने बड़े क्षेत्र में हो रहे खनन को जिसे खुली आंखों से देखा जा सकता है उसे यह अधिकारी देख नहीं पा रहे और जांच के नाम पर लीपापोती करने की कोशिश कर रहे हैं।