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नगर के रहवासी लंबे समय से हो रहे परेशान, यातायात पूरी तरह चरमराया… बिजली के खंभे नहीं हटने से व्हाईट टॉपिंग पर रोक

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नगर के रहवासी लंबे समय से हो रहे परेशान, यातायात पूरी तरह चरमराया…
बिजली के खंभे नहीं हटने से व्हाईट टॉपिंग पर रोक
सांध्य दैनिक खबरवाणी, बैतूल
व्हाईट टॉपिंग सडक़ निर्माण शुरू होने के दिन से ही लगातार चर्चा में है। कहीं उसके ऊंचाई के कारण हो रही परेशानी कहीं लगातार अवरुद्ध हो रहे यातायात से परेशान हो रहे रहवासियों को लेकर, कहीं जिस क्षेत्र में निर्माण हो रहा है वहां के रहवासियों और व्यापारियों को हो रही दिक्कतों के चलते कहीं त्यौहारों के दौरान हो रही परेशानियों के चलते, कहीं लगातार हो रही दुर्घटनाओं के चलते, कभी गुणवत्ता के चलते सवालों के घेरे में है।
लंबे समय से लल्ली चौक से शिवाजी चौक तक बन रही व्हाईट टॉपिंग सडक़ एक तरफ तो बन गई है पर दूसरी ओर का निर्माण कार्य रुका हुआ है। खबरवाणी की पड़ताल के बाद यह तथ्य सामने आया कि पोल शिफ्टिंग न होन से निर्माण कार्य रुका हुआ है। इस पर जब गहराई से पड़ताल की गई तो पता चला कि क्षितिज सिंघल जो कि वर्तमान में मध्यप्रदेश विद्युत वितरण कंपनी के एमडी हैं,वह पूर्व में बैतूल पदस्थ रह चुके हैं और उनकी पदस्थापना के दौरान उनके कुछ राजनैतिक विवाद भी हुए थे जिसको लेकर बैतूल से उनका रिश्ता बहुत मधुर नहीं है, और इसी के चलते पोल शिफ्ंिटग की अनुमति मिलने में देरी हो रही है। हालांकि देरी का कारण कुछ हद तक पीडब्ल्यूडी की लचर कार्यशैली भी है। जब सडक़ का निर्माण कार्य शुरू हुआ था उसके पूर्व ही यह अनुमति लेनी चाहिए थी, परंतु निर्माण कार्य शुरू होने के बाद भी यह प्रक्रिया अब तक संपन्न नहीं हो सकी है। हमेशा की तरह पीडब्ल्यूडी विभाग में पदस्थ ईई सुश्री प्रीति पटेल से संपर्क न हो पाने के कारण इस समस्या को लेकर पीडब्लयूडी विभाग का पक्ष सामने नहीं आ पाया है। हालांकि विभाग में पदस्थ सब इंजीनियर ने बताया कि विभाग द्वारा बिजली कंपनी में पैसे जमा करा दिए गए हैं जिसके पश्चात अनुमति मिलने की संभावना है। पीडब्ल्यूडी की कार्यशैली पर सवाल इसलिए उठ रहे हैं कि जिस विभाग का काम ही मुख्यत: सडक़ बनाना है उसे इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि यदि सडक़ के बीच में खंभे या अन्य कोई अवरोध है तो उसे निर्माण कार्य शुरू होने से पूर्व हटाना चाहिए न कि निर्माण कार्य शुरू होने के बाद। यदि बिजली कंपनी द्वारा खंभो को हटाने की अनुमति नहीं मिली थी तो त्यौहार के समय निर्माण कार्य शुरू करने के बजाए कुछ समय पश्चात निर्माण कार्य शुरू करवाया जा सकता था, और यदि निर्माण कार्य जल्दी पूर्ण करना था तो पोल शिफ्टिंग की अनुमति पहले से ही ले लेनी चाहिए थी। खबरवाणी ने पूर्व में चेताया था कि जिस गति से नगर में सडक़ निर्माण का कार्य चल रहा है उससे रक्षा बंधन, गणपति स्थापना, नवरात्र एवं दुर्गा स्थापना के साथ ही दीपावली जैसा बड़ा त्यौहार भी अव्यवस्थाओं की भेंट चढ़ जाएगा। इससे न सिर्फ नागरिकों को परेशानी होती है बल्कि व्यापार प्रभावित होने से जिले की अर्थ व्यवस्था पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, पर शायद इस बात से शासकीय विभागों और उनके अधिकारियों को कोई फर्क नहीं पड़ता।

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