ITCM Missile Launch:भारत अब अपनी नेवी की स्ट्राइक कैपेबिलिटी को और मजबूत करने जा रहा है। DRDO और भारतीय नौसेना इस साल के आखिर तक Indigenous Technology Cruise Missile (ITCM) का शिप-लॉन्च टेस्ट करने की तैयारी में हैं। यह मिसाइल भारत को लंबी दूरी की सबसोनिक क्रूज़ मिसाइल क्षमता से लैस करेगी, जिसकी मारक क्षमता 1000 किलोमीटर तक होगी।
ITCM मिसाइल क्या है?
ITCM मिसाइल को निभरय मिसाइल का एडवांस वर्जन माना जा रहा है। यह एक सबसोनिक यानी धीमी गति से चलने वाली क्रूज़ मिसाइल है, जो जमीन और हवा दोनों जगह से हमला करने में सक्षम है।
इसकी खासियत यह है कि यह लो-एटीट्यूड फ्लाइट करती है और दुश्मन के राडार से बच निकलने की क्षमता रखती है। इसमें एडवांस एवियोनिक्स, नेविगेशन और गाइडेंस सिस्टम लगाए गए हैं।
क्यों खास है यह मिसाइल?
ITCM मिसाइल का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह भारत को इंडिजिनस डिफेंस टेक्नोलॉजी में मजबूती देगी।
इंडो-पैसिफिक रीजन में लगातार बढ़ते खतरे को देखते हुए यह मिसाइल भारतीय नौसेना को और ताकतवर बनाएगी।
इसके अलावा यह मिसाइल ब्रह्मोस जैसे महंगे विकल्पों की तुलना में किफायती है, जिससे भारत की रणनीतिक बढ़त और बढ़ जाएगी।
ITCM मिसाइल के अलग-अलग वेरिएंट
- LRLACM – इसे मोबाइल लॉन्चर से दागा जाता है और यह दुश्मन के बेस, कमांड सेंटर और स्ट्रैटेजिक टारगेट्स पर लंबी दूरी से हमला करता है।
- SLCM – फरवरी 2023 में सफलतापूर्वक टेस्ट किया गया था। यह पनडुब्बी से लॉन्च होकर पानी के अंदर से अटैक करता है।
- एयरक्राफ्ट-लॉन्च्ड – इस पर अभी डेवलपमेंट जारी है और इसे भारतीय वायुसेना के फाइटर जेट्स पर लगाया जाएगा।
- शिप-लॉन्च्ड – इस वेरिएंट पर फिलहाल काम चल रहा है और इसे नौसैनिक युद्धपोतों से लॉन्च किया जाएगा।
टेस्टिंग की तैयारी
DRDO युद्धपोतों के लिए फिलहाल एक टेम्परेरी वर्टिकल लॉन्च सिस्टम (VLS) तैयार कर रहा है, जिससे ITCM को सीधे जहाज से दागा जा सके।
भविष्य में इसे यूनिवर्सल वर्टिकल लॉन्च मॉड्यूल (UVLM) से रिप्लेस किया जाएगा, जिससे ब्रह्मोस और ITCM दोनों मिसाइलों की तैनाती आसान और तेज़ हो जाएगी।
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भारत की नौसैनिक शक्ति होगी और मजबूत
ITCM मिसाइल का सफल शिप-लॉन्च टेस्ट होने के बाद भारतीय नौसेना को एक नई ताकत मिलेगी।
यह मिसाइल भारत को न केवल दुश्मनों के खिलाफ बढ़त दिलाएगी बल्कि भारत की रक्षा तकनीक में आत्मनिर्भरता को भी और मजबूत करेगी।