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नवरात्रि में कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त: जानिए सही समय और पूजा का महत्व

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नवरात्रि का पावन पर्व इस साल 22 सितंबर से शुरू हो रहा है। शारदीय नवरात्रि के पहले दिन माँ दुर्गा की विधि-विधान से पूजा की जाती है और घर-घर में कलश स्थापना की जाती है। धार्मिक मान्यता है कि यदि कलश स्थापना शुभ मुहूर्त में की जाए तो सुख-समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं इस बार का शुभ समय और खास योग।

नवरात्रि में कलश स्थापना का महत्व

हिंदू धर्म में कलश स्थापना को बेहद शुभ माना गया है। इसे “घट स्थापना” भी कहते हैं। यह कलश भगवान विष्णु और माँ दुर्गा का प्रतीक होता है। मान्यता है कि नवरात्रि में कलश स्थापित करने से पूरे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और माँ अम्बा की कृपा सदैव बनी रहती है।

शुभ नक्षत्र और योग

22 सितंबर को पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र सुबह 9:32 बजे तक रहेगा। इसके बाद उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र शुरू होगा। इस दिन शुभ योग शाम 7:53 बजे तक रहेगा, जिसके बाद शुक्ल योग प्रारंभ होगा। इसके साथ ही सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है, जो हर प्रकार से मंगलकारी और कल्याणकारी माना जाता है।

कलश स्थापना का शुभ समय

कलश स्थापना सुबह ब्रह्म मुहूर्त से लेकर पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र समाप्त होने तक करना सबसे उत्तम रहेगा। विशेषज्ञों के अनुसार, सुबह 6:00 बजे से लेकर 9:30 बजे तक का समय बेहद शुभ है। इस समय में कलश स्थापना करने से घर में सुख-शांति और धन-धान्य की वृद्धि होती है।

अशुभ समय का ध्यान रखें

नवरात्रि के पहले दिन कुछ अशुभ समय भी रहेंगे। राहु काल शाम 4:30 से 6:00 बजे तक रहेगा। यमगंड काल दोपहर 12:14 से 1:45 बजे तक और गुलिक काल दोपहर 3:36 से 4:48 बजे तक रहेगा। इन समयों में कोई नया काम या पूजा-पाठ शुरू करने से बचना चाहिए।

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नवरात्रि पूजा का महत्व

माँ दुर्गा की उपासना नवरात्रि में विशेष फलदायी मानी जाती है। श्रद्धापूर्वक कलश स्थापना और दुर्गा पूजा करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। माना जाता है कि माँ अम्बा की कृपा से घर में खुशहाली आती है और हर प्रकार की बाधाएं दूर होती हैं।

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