दिशा पाटनी के घर पर फायरिंग केस में बड़ा खुलासा हुआ है। जांच में सामने आया है कि इस पूरी साज़िश के पीछे गोल्डी बराड़ गैंग का हाथ था। गैंग ने दहशत फैलाने के लिए पांच शूटर भेजे थे। इनमें से दो शूटरों को यूपी STF ने एनकाउंटर में मार गिराया, जबकि दो की तलाश जारी है।
कैसे पहुंचे शूटर दिशा पाटनी के घर?
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, गोल्डी बराड़ और रोहित गोडारा ने विदेश से बैठकर इस प्लानिंग को अंजाम दिया। उनके हैंडलर ने पांच शूटरों को 11 सितंबर को बरेली भेजा। सभी शूटर बरेली के पंजाब होटल में रुके। इस दौरान एक शूटर की तबीयत बिगड़ गई और वह लौट गया। बाकी चार शूटरों ने काली स्प्लेंडर और सफेद अपाचे बाइक पर सवार होकर दिशा पाटनी के घर की रेकी की।
पुलिस तक कैसे पहुंचे आरोपी?
सूत्रों के अनुसार, नकुल और विजय स्प्लेंडर बाइक पर थे जबकि अरुण और रविंद्र (जो मारे गए) अपाचे बाइक पर सवार थे। 12 सितंबर को चारों शूटर फिर से दिशा के घर पहुंचे और रविंद्र ने फायरिंग की। पुलिस ने करीब 2000 CCTV फुटेज खंगालकर इन तक पहुंच बनाई। नकुल और विजय फिलहाल फरार हैं और उनकी तलाश जारी है।
10 से ज्यादा राउंड फायरिंग
12 सितंबर को दिशा पाटनी के घर के बाहर अपराधियों ने 10 से ज्यादा राउंड फायरिंग की थी। इस घटना से इलाके में दहशत फैल गई थी। मामले को गंभीरता से लेते हुए यूपी STF ने टीम बनाकर कार्रवाई शुरू की।
STF का एक्शन और एनकाउंटर
यूपी STF ने ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए आरोपी शूटरों अरुण और रविंद्र को गाज़ियाबाद में एनकाउंटर में ढेर कर दिया। पुलिस टीम को देखते ही दोनों ने गोलियां चलाईं। जवाबी कार्रवाई में वे गंभीर रूप से घायल हो गए और अस्पताल में दम तोड़ दिया।
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गोल्डी बराड़ की प्लानिंग बेनकाब
पुलिस की जांच में साफ हो गया है कि इस फायरिंग के जरिए गोल्डी बराड़ गैंग दहशत फैलाना चाहता था। हालांकि STF ने दो अपराधियों को ढेर कर बड़ी सफलता हासिल की है। अब फरार शूटरों की तलाश तेज़ कर दी गई है और जल्द ही उन्हें भी पकड़ लिया जाएगा।