Search ई-पेपर ई-पेपर WhatsApp

नो-टायर्ड नो-रिटायर्ड भागवत और मोदी नहीं छोड़ेंगे अपने पद

By
On:

संघ पर भारी पड़े मोदी बदलनी पड़ी रणनीति

नई दिल्ली । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना के 100 वर्ष पूरे हो चुके हैं 100 वर्ष पूरे होने पर बड़ा समारोह देश भर में मनाया जा रहा है। संघ के शताब्दी वर्ष समारोह में बोलते हुए संघ प्रमुख मोहन भागवत ने बड़ी चतुराई के साथ सभी विषयों के मुखर होकर जवाब दिए संघ अपने आप को वैचारिक और सांस्कृतिक संगठन बताता है वह सीधे किसी काम की जिम्मेदारी नहीं लेता है जिस तरह से उन्होंने पत्रकारों के सवाल के जवाब दिए हैं उससे स्पष्ट हो जाना चाहिए संघ वैचारिक दृष्टि से अनुवांशिक संगठनों के माध्यम से सारे क्रियाकलाप करता है लेकिन प्रत्यक्ष रूप से अपने आप को ना तो राजनीतिक संगठन भाजपा से जोड़कर रखता है ना ही अनुवांशिक संगठनों से अपने आप को जोड़कर रखना चाहता है यह सत्य है कि बिना राष्ट्रीय  स्वयंसेवक संघ के ना तो भाजपा का कोई वजूद है ना ही अनुवांशिक संगठनों का कोई वजूद है इन सब का केंद्र बिंदु राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ही है। शताब्दी वर्ष के 100 वर्ष पूर्ण होने पर उन्होंने कहा,मेने किसी को 75 वर्ष की उम्र पूरी होने पर रिटायर करने की बात नहीं की है। ना में रिटायर हो रहा हूं। ना किसी को रिटायर होने के लिए कह रहा हूं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर जो कयास पिछले कुछ समय से लगाए जा रहे थे। एक ही झटके में मोहन भागवत ने उनसे पल्ला झाड़ लिया है। भागवत ने कहा, संघ और भारतीय जनता पार्टी में 75 वर्ष की उम्र में रिटायर हो जाने का कोई नियम नहीं है, आगे भी नही रहेगा। वर्तमान स्थिति में यह नियम अप्रासंगिक हो गया है। मोहन भागवत ने कहा कि वह 80 साल की उम्र तक सक्रिय रहेंगे, और शाखा लगाते रहेंगे।

काशी-मथुरा आंदोलन का समर्थन नहीं
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा राम मंदिर अकेला आंदोलन था। राम मंदिर अब बन गया है। संघ अब किसी अन्य आंदोलन में शामिल नहीं होगा। उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा, मथुरा और काशी आस्था का विषय है। स्वयंसेवक हिंदू होने के नाते उस आंदोलन में शामिल हो सकते हैं। इस आंदोलन में संघ की कोई भूमिका नहीं है। उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं और हिंदुओं को यह सलाह दी। हर जगह शिवलिंग और मंदिर तलाशने का वह समर्थन नहीं करते हैं। ऐसा कहकर संघ प्रमुख मोहन भागवत ने काशी-मथुरा को अपना समर्थन भी दे दिया और अपने आप को अलग भी कर लिया।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सलाहकार, अनुवांशिक संगठन स्वतंत्र
संघ के 100 वर्ष पूर्ण होने पर संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा, कोई भी आनुवंशिक संगठन संघ के अधीन नहीं है। सारे अनुवांशिक संगठन स्वतंत्र हैं। भारतीय जनता पार्टी सहित संघ के सभी अनुवांशिक संगठन संघ से सलाह जरूर लेते हैं। करते वही है, जो वह करना चाहते हैं। उनकी कार्य प्रणाली में संघ का कोई दबाव नहीं होता है। नाही अनुवांशिक संगठन संघ के अधीन है। यह कहते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने अनुवांशिक संगठनों की कार्य प्रणाली से अपने आप को एक तरह से अलग बताने की कोशिश की है।

भाषा के विवाद पर बोले भागवत
डॉ मोहन भागवत ने कहा, भारतीयों को कम से कम तीन भाषाओं का ज्ञान होना चाहिए। मातृभाषा राज्य भाषा और राष्ट्रभाषा, यह कभी विदेशी भाषाएं नहीं हो सकती हैं। भाषा पर विवाद ठीक नहीं है। भाषाओं से ज्ञान में वृद्धि होती है। अंग्रेजी भाषा सीखने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यही भाषा काम आती है।

भारत में हिंदू और मुस्लिम ध्रुवीकरण
मोहन भागवत का कहना था। इस्लाम जब से भारत में आया है। उस दिन से इस्लाम भारत में है। इस्लाम आगे भी रहेगा। हिंदुओं की सोच ऐसी नहीं है, भारत में इस्लाम ना रहे। उन्होंने कहा, दोनों समुदायों के बीच जब विश्वास बनेगा, उसके बाद ही संघर्ष खत्म होगा। इसके लिए दोनों समुदायों को मानना होगा,  हम सब एक हैं।

For Feedback - feedback@example.com
Home Icon Home E-Paper Icon E-Paper Facebook Icon Facebook Google News Icon Google News