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IAS Transfer Policy: जानें किन आधारों पर होता है IAS अधिकारियों का तबादला

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IAS Transfer Policy: IAS अधिकारी का जीवन सिर्फ परीक्षा पास करने और नौकरी जॉइन करने तक सीमित नहीं होता, बल्कि उनकी पोस्टिंग और ट्रांसफर भी इस सेवा का अहम हिस्सा है। आमतौर पर लोग मानते हैं कि IAS का ट्रांसफर केवल राजनीतिक हस्तक्षेप के कारण होता है, लेकिन असलियत इससे अलग है। केंद्र सरकार और राज्य सरकार दोनों ही तय नियमों और परिस्थितियों के आधार पर IAS अधिकारियों का तबादला कर सकती हैं।

IAS अधिकारियों का तबादला क्यों होता है?

IAS का ट्रांसफर केवल प्रशासनिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए ही नहीं, बल्कि कई बार व्यक्तिगत परिस्थितियों, पारिवारिक जिम्मेदारियों और स्वास्थ्य कारणों से भी किया जाता है। DoPT (Department of Personnel and Training) ने इसके लिए स्पष्ट नियम बनाए हैं। UPSC की तैयारी करने वाले युवाओं को IAS ट्रांसफर पॉलिसी की जानकारी जरूर होनी चाहिए।

IAS ट्रांसफर किन-किन आधारों पर होता है?

  1. प्रशासनिक कारण – किसी जिले की कानून व्यवस्था सुधारने या बड़े प्रोजेक्ट को दिशा देने के लिए ट्रांसफर किया जाता है।
  2. शादी के आधार पर कैडर ट्रांसफर – यदि कोई IAS अधिकारी दूसरे कैडर के IAS/IPS/IFS अधिकारी से विवाह करता है, तो पति-पत्नी को एक ही राज्य में रखने के लिए इंटर-कैडर ट्रांसफर किया जा सकता है।
  3. स्वास्थ्य कारण – गंभीर बीमारी की स्थिति में अधिकारी या उसके परिवारजन के इलाज के लिए मेडिकल बोर्ड की सिफारिश पर ट्रांसफर संभव है।
  4. पारिवारिक परिस्थितियाँ – वृद्ध माता-पिता या बच्चों की पढ़ाई जैसी समस्याओं को देखते हुए भी ट्रांसफर किया जा सकता है।
  5. डेपुटेशन (प्रतिनियुक्ति) – IAS अधिकारी 5 साल तक केंद्र सरकार, अन्य राज्य सरकार या अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं (जैसे UN) में काम कर सकते हैं।
  6. नीतिगत या राजनीतिक कारण – कई बार सरकार की नीति या राजनीतिक परिस्थितियों के आधार पर भी ट्रांसफर होते हैं।
  7. इंटर-कैडर डेपुटेशन – अस्थायी रूप से अधिकारी किसी दूसरे राज्य में सेवा देते हैं लेकिन उनका मूल कैडर वही रहता है।

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IAS ट्रांसफर की प्रक्रिया

IAS का ट्रांसफर राज्य सरकार या केंद्र सरकार की सिफारिश पर होता है। कुछ मामलों में कैबिनेट सचिवालय की मंजूरी जरूरी होती है। जबकि कैडर ट्रांसफर के लिए दोनों राज्यों की सहमति और केंद्र की अनुमति अनिवार्य होती है।

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