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भोपाल में गूंजा स्कूलों की नीलामी का मामला 14,550 में तीन स्कूल भवन नीलाम किए थे, अब जांच का आश्वासन- लोग बोले ‘दोषियों को बख्शा न जाए’

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भोपाल में गूंजा स्कूलों की नीलामी का मामला
14,550 में तीन स्कूल भवन नीलाम किए थे, अब जांच का आश्वासन- लोग बोले ‘दोषियों को बख्शा न जाए
सांध्य दैनिक खबरवाणी, घोड़ाडोंगरी

सरकारी स्कूल भवनों की नीलामी और ध्वस्तीकरण का मामला अब बड़ा घोटाला बनकर सामने आया है। चौंकाने वाली बात यह है कि तीन-तीन सरकारी स्कूल भवन मात्र 14,550 में बेच डाले गए। लाखों की सरकारी संपत्ति को अफसरों और ठेकेदारों की मिलीभगत से औने-पौने दामों पर निपटा देने से पूरे जिले से लेकर भोपाल तक हलचल मच गई है।
कैसे बुना गया ‘नीलामी खेल’
13 दिसंबर 2024 को पीडब्लयूडी बैतूल ने प्रतिवेदन देकर भवनों को कंडम घोषित करने का प्रस्ताव भेजा। कलेक्टर ने 26 दिसंबर को आदेश जारी कर बालक प्राथमिक शाला (वार्ड 4), प्राथमिक शाला (वार्ड 12) और कन्या प्राथमिक शाला (वार्ड 2, घोड़ाडोंगरी) को नीलामी व ध्वस्तीकरण की अनुमति दे दी पर शर्त रखी की कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग बेतूल एवं जिला शिक्षा अधिकारी की उपस्थिति में भवन गिरा।
जाने की कार्रवाई की जाए एवं भवन की उपयोगी सामग्री को नीलम कर राशि शासन मद में जमा कराए। इसके बाद मात्र 14,550 की औने-पौने कीमत पर तीनों भवन ठेकेदारों को सौंप दिए गए।
आंगनवाड़ी के लिए मांगे गए कमरे भी गिरा दिए
महिला बाल विकास विभाग ने मांग की थी कि बालक प्राथमिक शाला के भवन में आंगनवाड़ी संचालित की जाए, जिसे मरम्मत कर उपयोग में लाया जा सकता था। लेकिन विभाग ने आनन-फानन में पूरे भवन को जर्जर बताकर ध्वस्त करवा दिया।
शिकायत को दबाने की कोशिश, भोपाल से उठी जांच की मांग: यह मामला सीएम हेल्पलाइन तक पहुंचा, लेकिन कार्यपालन यंत्री के प्रतिवेदन पर शिकायत को ‘मांग-सुझाव’ बताकर दबा दिया गया। यहां तक कि इसे फॉर क्लोज कर दिया गया। मगर जब शिकायत को मांग सुझाव बता कर शिकायत बिना संतुष्टि के बंद करने की जानकारी मुख्य अभियंता भोपाल संजय मस्के के पास पहुंची, तो उन्होंने इसे गंभीर मानते हुए जांच का आश्वासन दिया।
जनता का गुस्सा-दोषियों को सख्त सजा दो
स्थानीय नागरिकों और जनप्रतिनिधियों का कहना है कि तीन स्कूल भवनों को महज 14,550 में गिराकर बेच देना खुला भ्रष्टाचार है। इस पूरे घोटाले की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। दोषी अफसरों और ठेकेदारों पर कड़ी कार्रवाई कर शासन को नुकसान की भरपाई कराई जाए।

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