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9 अगस्त को रक्षाबंधन के अलावा सावन पूर्णिमा, अमरनाथ यात्रा समापन के साथ 6 धार्मिक कार्यक्रम और…

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9 अगस्त दिन शनिवार को सावन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि है और यह पंचांग व ज्योतिष दोनों दृष्टियों से अत्यंत महत्वपूर्ण एवं विशिष्ट है. इस दिन ना केवल रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाएगा बल्कि सावन पूर्णिमा, अमरनाथ यात्रा का समापन, शनि पूजा, पंचक प्रारंभ और ग्रहों के राजकुमार बुध का भी इसी दिन उदय भी हो रहा है. इसलिए 9 अगस्त का दिन बेहद महत्वपूर्ण रहने वाला है. 9 अगस्त को सर्वार्थ सिद्धि योग, सौभाग्य समेत कई शुभ योग भी बन रहे हैं, जिससे इस दिन का महत्व और भी बढ़ गया है. इसी के साथ आइए जानते हैं 9 अगस्त को कौन कौन से पर्व और धार्मिक कार्यक्रम किए जाएंगे…

श्रावण पूर्णिमा/सावन पूर्णिमा 2025
9 अगस्त को सावन मास की पूर्णिमा तिथि है और इस दिन पवित्र नदियों में स्नान कर पितरों को तर्पण किया जाता है. श्रावण मास की पूर्णिमा को रक्षाबंधन, उपाकर्म (यज्ञोपवीत संस्कार/जनेऊ बदलना), ऋषि पूजन आदि किए जाते हैं. दान, स्नान और जप इस दिन के लिए विशेष पुण्यकारी होते हैं. यह दिन सावन मास का अंतिम दिन होता है इसलिए इस दिन शिवजी की विशेष पूजन किया जाता है. शिवजी के साथ इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करना भी अत्यंत शुभ माना गया है.

रक्षा बंधन 2025 (श्रावणी पर्व)
9 अगस्त को रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाएगा. रक्षाबंधन हिंदू धर्म का एक अत्यंत पवित्र पर्व है जो भाई-बहन के रिश्ते की मर्यादा, प्रेम और कर्तव्य को दर्शाता है. इस दिन बहन अपने भाई को रक्षा सूत्र (राखी) बांधकर उसकी दीर्घायु, आरोग्य और सफलता की कामना करती हैं, और भाई जीवन भर उसकी रक्षा करने का संकल्प करता है. मान्यता है कि सबसे पहले द्रौपदी ने श्रीकृष्ण को रक्षा सूत्र बांधा था, और श्रीकृष्ण ने चीरहरण के समय उसकी रक्षा की थी.

अमरनाथ यात्रा समापन
सावन पूर्णिमा के दिन अमरनाथ यात्रा बाबा बर्फानी के पूजन के साथ समाप्त हो जाती है लेकिन साल 2025 में पहले ही यात्रा स्थगित कर दी गई हैं. मिली जानकारी के अनुसार, खराब मौसम और यात्रा मार्गों की बिगड़ती स्थिति को ध्यान में रखते हुए यात्रा को समय से पहले बंद कर दिया गया है. हालांकि अमरनाथ यात्रा का अंतिम चरण छड़ी मुबारक 9 अगस्त को ही होगा. सनातन धर्म में अमरनाथ यात्रा का विशेष महत्व है. मान्यता है कि अमरनाथ यात्रा करने वाला व्यक्ति जन्म-मरण के बंधन से मुक्त हो जाता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है.

शनिदेव पूजन
9 अगस्त 2025 को शनिवार पड़ रहा है. साथ ही यह पूर्णिमा भी है इसलिए इस दिन शनिदेव का पूजन करने का विशेष महत्व है. इस दिन शनिदेव की तेल से अभिषेक, नील पुष्प, काले तिल, उड़द व काले वस्त्र दान करना अत्यंत शुभफलदायक होता है. शनि दोष, साढ़ेसाती, ढैय्या, या शनि की महादशा से पीड़ित जातकों के लिए यह दिन विशेष रूप से शुभ है. इस दिन शनिदेव की पूजा और शनि चालीसा का पाठ करने से शनि दोष से राहत मिलती है.

बुध ग्रह का उदय
9 अगस्त को रक्षाबंधन और सावन पूर्णिमा के अलावा ग्रहों के राजकुमार बुध कर्क राशि में उदय होने जा रहे हैं. हालांकि 11 अगस्त को बुध इसी राशि में मार्गी भी हो जाएंगे. बुध ग्रह का उदय व्यापार, संचार, बुद्धि, शिक्षा, लेखन आदि क्षेत्रों में सक्रियता लाता है. अगर आपकी कुंडली में बुध ग्रह बलहीन है, तो इस दिन बुध स्तोत्र, ओम बुधाय नमः मंत्र का जप करें. गौरी पूजन, हरित द्रव्य का दान (हरा वस्त्र, मूंग आदि) करें.

पंचक काल प्रारंभ
9 अगस्त के दिन भद्रा का साया तो नहीं रहेगा लेकिन 5 दिन का पंचक काल प्रारंभ हो रहा है. शनिवार से शुरू होने वाले पंचक को मृत्यु पंचक कहा जाता है, जो ज्योतिष शास्त्र में अशुभ माना जाता है. पंचक का अर्थ है चंद्रमा का धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद और रेवती नक्षत्रों में भ्रमण. पंचक काल में कोई भी शुभ व मांगलिक कार्यक्रम नहीं किए जाते हैं. साथ ही इन 5 दिनों में घर बनाना, लकड़ी का काम करवाना आदि कार्य नहीं करने चाहिए.

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