Search ई-पेपर ई-पेपर WhatsApp

पाकिस्तानी मिसाइलों को धूल चटाने वाले स्वदेशी एयर डिफेंस सिस्टम को खरीदने को तैयार चीन का दुश्मन देश 

By
On:

नई दिल्ली। ऑपरेशन सिंदूर में शानदार प्रदर्शनों के बाद भारत के स्वदेशी हथियारों की बाजार में डिंमाड़ है। पाकिस्तान के घर घुसकर उसकी कब्र खोदने वाली ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइलों की खरीद की डील कई देशों से हुई है। अब भारतीय सेना के उस ब्रह्मास्त्र की डिमांड भी बढ़ रही है, जिसने पाकिस्तान की फतेह-1 जैसी मिसाइल को धूल चटाई थी। ये ब्रह्मास्त्र भारत का स्वदेशी एयर डिफेंस सिस्टम आकाश-1एस है। फिलीपींस की सेना ने भारत के कारगर स्वदेशी आकाश-1एस एयर डिफेंस सिस्टम को खरीदने में गहरी रुचि दिखाई है। 
बता दें कि आकाश-1एस मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाला मिसाइल सिस्टम है, जिसे भारत ने एडवांस बैलिस्टिक मिसाइलों और आर्टिलरी रॉकेट्स को न्यूट्रलाइज करने के लिए बनाया है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान से सैन्य टकराव में भारत ने इसके इस्तेमाल किया था, जो अपने शानदार प्रदर्शन की वजह से चर्चा में आ गया था। अब फिलीपींस अपने सुरक्षा सिस्टम को चीन के खतरे से बचाने के लिए आकाश-1एस को भारत से खरीदना चाहता है। 
आकाश एयर डिफेंस सिस्टम की मैक्सिमम रेंज 45 किलोमीटर है, लेकिन ये आसमान में 20 किलोमीटर की ऊंचाई तक किसी ए़डवांस मिसाइल को इंटरसेप्ट कर सकता है। आकाश डिफेंस सिस्टम की सबसे खास बात इसका स्वदेशी एक्टिव रेडियो फ्रीक्वेंसी सीकर है। ये तेजी से उड़ने वाले, कम ऊंचाई वाले लक्ष्यों जैसे ड्रोन, क्रूज मिसाइल और गाइडेड आर्टिलरी रॉकेट के खिलाफ सटीक निशाना साधता है। 
इसमें लगे राजेन्द्र फेज्ड-ऐरे रडार की क्षमता एक साथ 64 टार्गेट ट्रैक करने और 12 मिसाइलों को एक साथ गाइड करने की है। कुल मिलाकर ये डिफेंस सिस्टम मल्टी-डायरेक्शनल थ्रेट्स से निपटने के लिए शानदार है।  आकाश-1 का गाइडेड रॉकेट और कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों के खिलाफ प्रदर्शन की क्षमता पर पूरी दुनिया की नजर जा चुकी है। 
बात दें कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान आकाश-1एस ने पाकिस्तान के फतह-1 गाइडेड रॉकेट को मार गिराया।  पाकिस्तान के नेशनल डेवलपमेंट कॉम्प्लैक्स के बनाए फतह-1 की रेंज 140 किलोमीटर की है। इसकी स्पीड काफी ज्यादा है और लो-फ्लाइट प्रोफाइल होने के साथ साथ इसका रडार सिग्नेचर भी कम है। अकाश-1एस ने इस 5 किलोमीटर की ऊंचाई पर हवा में ही नष्ट किया था, जिसका सबूत भारतीय वायुसेना ने फतह 1 के मलबे के तौर पर प्रदर्शित किया था। 

For Feedback - feedback@example.com
Home Icon Home E-Paper Icon E-Paper Facebook Icon Facebook Google News Icon Google News