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 निमिषा प्रिया के जिंदा बचने की उम्मीद हो रही कम, पीड़ित के भाई ने फांसी की मांग की 

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नई दिल्ली। यमन में मौत की सजा का सामना कर रही भारतीय नर्स निमिषा प्रिया के जिंदा बचने की उम्मीदें कम होती जा रही हैं। निमिषा को 16 जुलाई 2025 को ही फांसी मिलनी थी लेकिन भारत के एक मुस्लिम धर्मगुरु के हस्तक्षेप के बाद सजा को अनिश्चित काल के लिए स्थगित किया गया। निमिषा को जिस यमनी नागरिक की हत्या के मामले में फांसी होनी है, अब उसके भाई ने पत्र लिखकर मांग की है कि उन्हें जल्द से जल्द सजा दी जाए। मृतक के भाई ने पत्र में साफ लिखा है कि परिवार सुलह या मध्यस्थता के लिए बिल्कुल तैयार नहीं है। 
दरअसल केरल निवासी निमिषा प्रिया 2017 के मामले में फांसी की सजा का सामना कर रही हैं जिसमें उन्होंने गलती से एक यमनी नागरिक तलाल अब्दो महदी की हत्या कर दी थी। महदी के भाई अब्दुल फत्तेह अब्दो महदी ने यमन के अटॉर्नी जनरल और जज अब्दुल सलाम अल-हूती के नाम एक पत्र लिखकर सोशल मीडिया पर साझा किया है। पत्र में मृतक के भाई ने लिखा कि उनका परिवार चाहता है, निमिषा प्रिया को फांसी दी जाए। 
मूल रूप से अरबी भाषा में लिखे पत्र में महदी के भाई ने लिखा है, 16 जुलाई को फांसी की सजा स्थगित करने के बाद आधे महीने से ज्यादा समय हो चुका है और फांसी की सजा की नई तारीख तय नहीं हुई है। हम पीड़िता के वारिस, बदले की सजा को लागू करने के अपने वैध अधिकार का पूरी तरह से पालन करते हैं और सुलह या मध्यस्थता के सभी कोशिशों से इंकार करते हैं। पत्र में महदी के भाई ने मांग की कि फांसी की सजा को लागू करे और फांसी की नई तारीख तय की जाए।
 

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