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नाली का कीड़ा नाली में ही सुख का अनुभव करता है – प्रेमानंद महाराज का विरोधियों को जवाब 

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मथुरा । विरोधियों पर पलटवार करते हुए  प्रेमानंद महाराज ने  कहा है कि जो गंदे आचरण कर रहे हैं, उन्‍हें उपदेश करो तो उन्‍हें बुरा लगेगा। 
प्रेमानंद महाराज ने कहा, सही चलने वालों में ऐसे कितने हैं, जो पहुंच पाते हैं। यह बड़ा कठिन भगवान का माया का चरित्र रचा हुआ है। हम इसी में ही राजी हैं। जैसे नाली का कीड़ा नाली में ही सुख का अनुभव करता है, उसे अमृत कुंड में डालो तो उसे पसंद नहीं आएगा। ऐसे जो गंदे आचरण कर रहे हैं, उनको सही बात का उपदेश दो तो उनको बुरा लगेगा। 
प्रेमानंद महाराज ने मिलने आए बच्‍चों को संबोधित करते हुए कहा, आप सभी बच्‍चे आए तो सुधरने के लिए हो। हम कड़वा भी बोलेंगे। तुम गर्लफ्रेंड-बॉयफ्रेंड बनाना बंद करो। कोई नशा मत करो। अपने माता-पिता की आज्ञा में रहो। अब इसी को तुम बुरा मानो तो संत जन तुम्‍हें उपदेश नहीं करेंगे। शास्‍त्रों तक तुम्‍हारी पहुंच नहीं है तो तुम कैसे जानोगे की अच्‍छाई क्‍या है और बुराई क्‍या है।
उन्‍होंने बच्‍चों को संबोधित करते हुए कहा कि तुमको लग रहा है कि सुख चाहिए। अब सुख व्‍यसन में, व्‍यभिचार में, गंदे विचार में, गंदे व्‍यवहार में है तो वही तुम्‍हें डिप्रेशन में ले जाएगा। वही तुम्‍हें नाना प्रकार के आचरणों में फंसाकर जेल पहुंचाएगा। 

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