आगरा : पिनाहट घाट पर खतरे के निशान 130 मीटर को पार करते हुए चंबल का स्तर गुरुवार सुबह तक 133 मीटर तक पहुंच गया। चंबल में बाढ़ को देखते हुए नदी किनारे बसे गांव के लोगों ने अब अपने पशुओं के साथ सुरक्षित स्थानों पर जाना शुरू कर दिया है। लगातार चंबल में बढ़ रहे जलस्तर को लेकर प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट है। बाढ़ चौकियों पर लेखपाल और कानूनगो की ड्यूटियां लगाई है। रात में तैनात रहने के लिए आदेश दिए गए हैं।
2019 और 2022 में चंबल नदी में आई भयंकर बाढ़ के चलते चंबल किनारे बसे गांव में समस्या उत्पन्न हो गई थी। वहीं, बाढ़ से सब कुछ तबाह हो गया था। फसलें पूरी तरह से नष्ट हो गई थीं। वहीं, इस वर्ष एक बार फिर चंबल नदी में बाढ़ के चलते ग्रामीणों की फसल पूरी तरह से चौपट हो गई है। बीहड़ी इलाके में पानी भर गया है। गांव कछियारा, डंगोरा, रेहा, बीच का पुरा, ऊपरी पुरा, उमरैठापुरा, भगवानपुरा, झरनापुरा, केंजरा, गोहरा ,भटपुरा, रानीपुरा आदि गांव के ग्रामीण रात जागकर काट रहे हैं। वहीं, प्रशासन की ओर से चंबल क्षेत्र के गांव में मुनादी कराकर सुरक्षित स्थानों को पहुंचने के लिए चेतावनी जारी की गई है।
बता दें बनास नदी बांध और कोटा बैराज से पानी लगातार डिस्चार्ज किया जा रहा है। बृहस्पतिवार से पानी घटने की उम्मीद जताई जा रही है। फिलहाल लगातार उफान जारी है। मंगलवार की देर शाम चंबल का जलस्तर 127 मीटर पर था जो की खतरे के निशान से तीन मीटर नीचे बह रहा था। लगातार चंबल का जलस्तर बनने से सिंचाई विभाग के अधिकारियों के आदेश पर नहर के प्रथम पंप हाउस के मुख्य गेट पर दीवार लगाकर बंद करा दिया है। बुधवार की दोपहर तक चंबल का जलस्तर खतरे के निशान 130 से ऊपर 131 मीटर तक पहुंच गया। वन विभाग और नहर विभाग के कर्मचारियों के अनुसार अभी और पानी बढ़ने की संभावना जताई जा रही है।
बीहड़ी इलाके के गांव में एसडीएम ने लिया जायजा
क्षेत्र के दर्जनभर गांवों में चंबल नदी की बाढ़ का पानी पहुंच गया, जिससे गांव के रास्ते बंद हो गए हैं। बुधवार को एसडीएम बाह हेमंत कुमार ने अपने अधीनस्थों के साथ क्योंरी, बीचकापुरा में स्थिति का जायजा लिया और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने की सलाह दी। सभी गांव में जलस्तर को लेकर मुनादी करा दी गई है। ग्रामीणों को नदी से दूर रहने के लिए कहा गया है। विभागों की ओर से 8 बाढ़ चौकिया बनाई गई हैं। अधीनस्थों को जरूरी दिशा निर्देश भी दिए हैं।
आशियाना बनाने के लिए ग्रामीण ढूंढ रहे सुरक्षित जगह
चंबल नदी का जलस्तर बढ़ने पर ग्रामपंचायत रेहा, उमरेठा, क्योंरी बीचकापूरा के किसान गांव के किनारे तक पानी पहुंचने पर परिवार गल्ला मवेशी को सुरक्षित रखने के लिए आशियाना बनाने के लिए सुरक्षित जगह ढूंढ रहे हैं। कस्बा चंबल मार्ग निवासी दो परिवारों के घरों को चंबल ने चारों तरफ से घेर रखा है, जिसकी वजह से रामप्रकाश और झब्बू ने मकान खाली करके दूसरी जगह रहने के लिए चले गए हैं। कछारों और खंदकों में पानी भर गया, जिसकी वजह से किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, रेहा बरेड़ा पडुआपुरा विप्रावली उमरेठा, क्योंरी, बीचकापूरा, चंबल तलहटी में बाजरा फसलें जलमग्न हो जाने से किसानों ने नुकसान की आशंका जताई है।
डीएम और पुलिस उपायुक्त ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का लिया जायजा
चंबल में लगातार बढ़ रहे जलस्तर को लेकर प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट दिखाई दे रहा है। 2019 और 2022 में आई बाढ़ जैसे हालात ना बन जाएं, जिसे लेकर प्रशासन हर संभव मदद के लिए तैयार है। चंबल नदी खतरे के निशान से एक मीटर ऊपर पिनाहट में बह रही है। जिसे लेकर बुधवार की शाम को जिलाधिकारी आगरा अरविंद मल्लप्पा बंगारी और पुलिस उपायुक्त आगरा रामबदन सिंह अधिनस्थों के साथ चंबल किनारे बसे गांवों में हलातों का ज्यादा लेने के लिए पहुंचे। यहां उन्होंने स्थिति का जायजा लिया और ग्रामीणों को किसी भी प्रकार की कोई सुविधा न हो इसके लिए अधिनस्थों को जरूरी दिशा निर्देश दिए गए। चंबल नदी घाट पर स्थिति का जायजा लेने के दौरान जिलाधिकारी ने बताया कि बाह तहसील के तीन गांव चंबल की बाढ़ से अभी प्रभावित हैं। गांव में आवागमन के लिए मोटर बोट की व्यवस्था की गई है। दो गांवों को पानी ने घेर लिया है। स्थिति को देखते हुए लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाएगा।
पानी बढ़ा तो होगा भारी नुकसान खतरे की आशंका
लगातार चंबल नदी में बढ़ रहे जलस्तर को लेकर प्रशासन अलर्ट मोड पर है। उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश सीमा के चंबल नदी किनारे बसे गांव के लोगों को प्रशासन द्वारा सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने की अपील की गई है। बाढ़ चौकियों पर तैनात कर्मचारी चंबल के पानी पर निगाह बनाए हुए हैं। फिलहाल जिन गांवों के मुख्य मार्गों पर पानी भरने पर ग्रामीणों के आवागमन के लिए मोटरबोट शुरू कर दी गई है। स्वास्थ्य विभाग की टीम कैंप लगाने के लिए तैयार की गई है।