Search ई-पेपर ई-पेपर WhatsApp

पूजा की थाली में छुपा सेहत का खजाना…महादेव को चढाएं ये फूल, मिलेंगे कई चमत्कारिक फायदे

By
On:

दक्षिण भारत में नागकेसर के फूल का उपयोग शिव पूजा के लिए किया जाता है ऐसी मान्यता है की नागकेसर का फूल भगवान शिव को अत्यंत पसन्द है. इसकी उत्पत्ति से जुड़ी एक पौराणिक कथा है समुद्र मंथन से जुड़ी कथा है की जब देवताओं और असुरों ने समुद्र मंथन किया तो उसमें से कई रत्न और विष निकले. इसी प्रक्रिया में नागकेसर का फूल भी प्रकट हुआ. कहा जाता है कि भगवान शिव ने इस फूल को अपने शीश पर धारण किया जिसके बाद से यह उनकी पूजा में विशेष स्थान रखता है.

मान्यता के अनुसार नागकेसर के फूलों से शिवलिंग का अभिषेक करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और कुंडली के ग्रह दोष शांत होते हैं. इस फूल का उपयोग शनि और केतु के अशुभ प्रभाव को दूर करने के लिए भी किया जाता है.
सेहत के लिए फायदेमंद
नागकेसर को भारतीय लौंग भी कहा जाता है और आयुर्वेद में इसे एक रसायन माना गया है. इससे हमारेस्वास्थ्य फायदा होता हैं जैसे पेट दर्द, गैस और अपच में राहत देता है.चूर्ण में इसका उपयोग होता है. इसका तेल घाव, खुजली और एक्जिमा में लाभदायक है और चेहरे के दाग-धब्बों को दूर करने में मददगार है इसकी सुगंध मन को शांत करती है.

वास्तु एवं ज्योतिषीय उपाय
नागकेसर के फूलों को लाल कपड़े में बांधकर तिजोरी में रखने से धन लाभ होता है. शनिवार को शनि मंदिर में नागकेसर और सरसों का तेल चढ़ाने से शनि का कोप शांत होता है. घर में नागकेसर की लकड़ी या फूल रखने से वास्तु दोष दूर होते हैं और पॉजिटिव ऊर्जा आती है
नागकेसर का उपयोग कैसे करें?  
चाय या काढ़ा इसके फूलों को उबालकर पीने से सर्दी-खांसी में आराम मिलता है. नारियल तेल में नागकेसर मिलाकर लगाने से जोड़ों का दर्द कम होता है. पूजा में शिवलिंग पर दूध और नागकेसर चढ़ाने से विशेष फल मिलता है.

For Feedback - feedback@example.com
Home Icon Home E-Paper Icon E-Paper Facebook Icon Facebook Google News Icon Google News