ताइपे। ताइवान और चीन के बीच तनाव एक बार फिर बढ़ गया है। रविवार को ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने जानकारी दी कि सुबह 6 बजे तक उसके एयर डिफेंस आइडेंटिफिकेशन ज़ोन में चीन के 9 सैन्य विमान घुस आए। इसके साथ ही क्षेत्र में 7 चीनी नौसैनिक जहाज और 1 सरकारी पोत की मौजूदगी भी दर्ज की गई। यह चीनी गतिविधियां बीते कुछ महीनों में देखे गए सबसे आक्रामक सैन्य मूवमेंट्स में से एक हैं।
ताइवान की सेना ने त्वरित प्रतिक्रिया देते हुए लड़ाकू विमान, युद्धपोत, और तटीय मिसाइल सिस्टम तैनात किए। ताइवान के राष्ट्रपति लाई छिंग-ते ने चीन पर निशाना साधते हुए कहा, कि बीजिंग सैन्य धमकियों के जरिए ताइवान को हड़पने की कोशिश कर रहा है। लेकिन सत्ता परिवर्तन या राजनीतिक बदलाव से यह खतरा कम नहीं होने वाला। ताइवान के विदेश मंत्रालय ने भी बयान जारी कर कहा कि चीन जानबूझकर सैन्य दबाव और बहाने बनाकर क्षेत्रीय अस्थिरता पैदा कर रहा है, जिससे पूरी दुनिया की सुरक्षा पर खतरा मंडरा रहा है।
जापान का कड़ा रुख
इधर, ताइवान स्ट्रेट की स्थिति को लेकर जापान ने भी चिंता जताई है। जापान के विदेश मंत्री ताकेशी इवाया ने एशियान बैठक के दौरान चीन के विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात में कहा कि ताइवान स्ट्रेट में शांति और स्थिरता बनाए रखना पूरे अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए जरूरी है। जापान बलपूर्वक यथास्थिति में किसी भी तरह के बदलाव का कड़ा विरोध करता है।
अंतरराष्ट्रीय चिंता और संभावित प्रभाव
विशेषज्ञों का मानना है कि यह घटना केवल ताइवान-चीन के बीच का मामला नहीं, बल्कि पूरे इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की स्थिरता पर असर डालने वाला है। अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया जैसे देश पहले ही ताइवान के समर्थन में रणनीतिक साझेदार बन चुके हैं। इस प्रकार की गतिविधियों से आने वाले दिनों में जियोपॉलिटिकल तनाव और गहराने की संभावना है।