जयपुर । एक राष्ट्र, एक चुनाव के मुद्दे पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के अध्यक्ष और भाजपा सांसद पीपी चौधरी ने कहा है कि इस प्रस्ताव को लेकर देशभर में रचनात्मक और व्यापक भागीदारी देखी गई है। उन्होंने बताया कि समिति को विभिन्न राजनीतिक दलों, राज्य सरकारों, कानूनी विशेषज्ञों, नागरिक संगठनों और आम नागरिकों से व्यापक प्रतिक्रिया प्राप्त हुई है। चौधरी ने कहा कि विशेषज्ञों की आम राय है कि यह विचार संवैधानिक रूप से स्वीकार्य और व्यावहारिक रूप से संभव है, बशर्ते इसे उचित सुरक्षा उपायों के साथ लागू किया जाए। उन्होंने जोर दिया कि समिति इसी लक्ष्य की दिशा में काम कर रही है। जेपीसी अध्यक्ष ने बताया कि देश के कई पूर्व मुख्य न्यायाधीशों और वरिष्ठ संवैधानिक विशेषज्ञों ने स्पष्ट रूप से कहा है कि यह प्रस्ताव संविधान के मूल ढांचे का उल्लंघन नहीं करता। उन्होंने ऐसे संवैधानिक प्रावधानों की ओर इशारा किया, जो चुनावों में समन्वय की अनुमति देते हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रणाली के मुख्य लाभों में चुनाव खर्च में कमी, प्रशासनिक स्थिरता, और लगातार चुनावी प्रक्रियाओं से मुक्ति शामिल है। हालांकि, कुछ चिंताएं भी सामने आई हैं, खासकर कार्यान्वयन तंत्र को लेकर, लेकिन समग्र रूप से देश इस पर गंभीरता से विचार करने को तैयार दिख रहा है। पीपी चौधरी ने यह भी कहा कि समिति सभी प्रतिक्रियाओं को ध्यान में रखते हुए एक संतुलित और व्यावहारिक समाधान की ओर अग्रसर है।
भारत एक राष्ट्र, एक चुनाव पर विचार करने को तैयार: चौधरी

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